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आफत की हुई बारिश, बिचड़ा बन गया धान, किसानों के बिखरे अरमान

इलाके में लगातार पांच दिनों से जारी बारिश का कहर गुरुवार को थम गया लेकिन बारिश से उत्पन्न जलजमाव की परेशानी बरकरार है। बारिश के पानी ने फसलों की बर्बादी की कहानी लिख डाली हैं। वही किसानों की जिदगी बदरंग कर दी है। बारिश और इससे उत्पन्न जलजमाव में किसानों के अरमान डूब गए है और हाहाकार की स्थिति है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 01:48 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 01:48 AM (IST)
आफत की हुई बारिश, बिचड़ा बन गया धान, किसानों के बिखरे अरमान
आफत की हुई बारिश, बिचड़ा बन गया धान, किसानों के बिखरे अरमान

शिवहर । इलाके में लगातार पांच दिनों से जारी बारिश का कहर गुरुवार को थम गया, लेकिन बारिश से उत्पन्न जलजमाव की परेशानी बरकरार है। बारिश के पानी ने फसलों की बर्बादी की कहानी लिख डाली हैं। वही किसानों की जिदगी बदरंग कर दी है। बारिश और इससे उत्पन्न जलजमाव में किसानों के अरमान डूब गए है और हाहाकार की स्थिति है। यूं तो बारिश की वजह से पूरे जिले की 30 फीसद से अधिक खेतों में लगी धान की फसल बर्बाद हुई है। लेकिन जिले के डुमरी कटसरी प्रखंड के जहांगीरपुर समेत आसपास की सैकड़ों हेक्टेयर में लगी धान की तैयार फसल दोबारा बिचड़ा में तब्दील होकर रह गया है। तेज हवा के साथ हुई बारिश के चलते धान की तैयारी बाली झड़कर गिर पड़ी और जलजमाव के चलते धान दोबारा अंकुरित होकर बिचड़ा बन गया है। ऐसे में बारिश के पानी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। चार-चार बार बाढ़ की तबाही के चलते रोपनी करने और महंगे दर पर खाद, बीज खरीद मेहनत के बल पर किसानों ने खेतों में सोना उपजाया था। एक सप्ताह पूर्व खेतों में लगी फसल देखकर किसान खुशी से झूम रहे थे। लेकिन इसी बीच बारिश की तबाही ने किसानों को कंगाल कर दिया है। जहांगीरपुर के प्रदीप शाही, रवींद्र सिंह, रामा सिंह, रामप्रकाश शाही, बैजू सिंह, ब्रज किशोर शाही, उमाशंकर शाही, ओम प्रकाश शाही व रामेश्वर शाही समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि, इलाके के अधिकांश किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। धान की फसल तैयार होने के बाद अब बिचड़ा बन गया है। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। इन किसानों का कहना हैं कि सरकारी सहायता नहीं मिली तो इलाके के किसान कंगाल हो जाएंगे। उधर, पूर्व जिला पार्षद अजब लाल चौधरी व जिला भाजपा नेताओं ने बेमौसम बारिश से फसलों की नुकसान का सही तरीके से आकलन करा किसानों को मुआवजा देने की मांग की डीएम से की है।

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तरियानी में फफक-फफककर रो रहे किसान

तरियानी, संस : बेमौसम बारिश का असर तरियानी में भी दिख रहा है। यहां खेत में काटकर रखी गई सैकड़ों क्विटल धान बारिश के पानी में भींग कर बर्बाद हो गई है। जबकि, सैकड़ों हेक्टेयर में तैयार धान की फसल डूबकर बर्बाद हो गई है। तरियानी, तरिहयानी छपरा, कुंडल, विशंभरपुर, अटकोनी व हिरम्मा समेत दर्जनों गांवों के किसान कलेजा पीट रहे है। शिवजी सिंह, मनोज कुमार व अरविद सिंह आदि किसान कलेजा पीट रहे हैं। साथ ही फफक-फफककर रो रहे हैं। हैरत की बात यह कि अब तक किसी ने भी किसानों के आंसू पोछने तक की पहल नहीं की है।


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