पूर्ण शराबबंदी के लिए सामाजिक क्रांति जरुरी: डीजी
देश को पड़ोसी मुल्कों से जितना खतरा नहीं है उससे अधिक खतरा देश में मौजूद नशा के सौदागरों से है ।
शिवहर। देश को पड़ोसी मुल्कों से जितना खतरा नहीं है उससे अधिक खतरा देश में मौजूद नशा के सौदागरों से है । जो विदेशों के हाथ की कठपुतली बन देश की जवानी को नशे की भट्ठी में झोंक रहे हैं। हमें सावधान होना होगा। उक्त बातें पुलिस महानिदेशक (बीएमपी) गुप्तेश्वर पांडेय ने मुख्यालय स्थित गांधी भवन के मंच से कही। वे शुक्रवार को नशामुक्ति अभियान को ले आहूत जनसभा में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा आज विश्व में भारत सबसे जवान देश है यह बात अन्य मुल्कों को रास नहीं आ रही। इसलिए एक सूक्ष्म रणनीति के तहत यहां के जवानों को नशे की लत का शिकार बना कर खोखला करने की गहरी साजिश रच रहे हैं जिसे हमें मिलकर नाकाम करना है। उन्होंने पाकिस्तान को छोटा भाई बताते हुए कहा कि वहाँ से संबंधों में खटास पाकिस्तान के सियासतदां की देन है जो अपनी अपनी राजनीतिक दुकानदारी के लिए कश्मीर पर अनर्गल प्रलाप करते हैं। यह भी कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है उस पर नजर डालने वाले की खैर नहीं। पुलिस महानिदेशक श्री पांडेय ने अपने चिरपरिचित अंदाज में देशभक्ति का जज्बा जगाने वाले शेरो- शायरी कर लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। वहीं कहा कि आज समाज में विखंडन के लिए हम सभी कसूरवार हैं। लोग अपने दुख से कम दूसरे के सुख से ज्यादा दुखी हैं। इसमें नशे की लत और नकारात्मक सोच एक बड़ी वजह है। सामाजिक मर्यादाएं एवं वर्जनाएं टूट रही हैं, नशे की लत का शिकार युवा वर्ग अपना रास्ता भूल रहे हैं जिससे विकास बाधित हो गया है। उन्होंने नशे की भयावह तस्वीर पेश करते हुए कहा कि कहा की विदेशों से खरबों रुपए मूल्य का चरस, हेरोइन, ड्रग्स, शराब, गांजा एवं अफीम भारत में विभिन्न माध्यमों से पहुंचाए जाते हैं। इसके पीछे एकमात्र मंशा है कि ¨हदुस्तान की प्रगति में रुकावट डालने की है। शराबबंदी की बाबत कहा कि ¨हदुओं में शराब पीने वाले को नर्क तो मुसलमानों में शराब का सेवन हराम है लेकिन जब धर्म का शासन लोग भूलने लगे तब सरकार ने इसे कानून द्वारा नियंत्रित करने का ऐतिहासिक एवं साहसपूर्ण कदम उठाया। इसका परिणाम देखने को मिल रहा है कि शराबबंदी के बाद सूबे में अमन का वातावरण बना है। लेकिन अभी पूर्ण नशाबंदी बाकी है इसके लिए हमें इस अभियान को सामाजिक आंदोलन का रूप देना होगा। महिलाओं को इंगित कर कहा कि नारीशक्ति इसमें अहम दायित्व निभा रही हैं इन्हें और भी सबल होने की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने खचाखच भरे गांधी भवन मौजूद लोगों से हाथ उठाकर नशा मुक्ति का संकल्प दिलाया। वहीं डीआईजी तिरहुत प्रक्षेत्र अनिल कुमार ¨सह ने कहा कि महज कानून बनाने से बदलाव संभव नहीं है जब तक कि आमजन का उसमें सहयोग नहीं हो। इस दौरान उन्होंने अपनी स्वरचित कविता नशापान से मुंह ले मोड़ का भी पाठ किया। वहीं लोगों को इस अभियान की सफलता में सहयोग के लिए उद्वेलित भी किया। वहीं डीआईजी अर¨वद कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिवहर की जनता को जगाना है ताकि शराबमुक्त शिवहर का निर्माण हो। जबकि शिवहर डीएम अरशद अजीज ने अपने संबोधन में कहा कि शराब बुरी चीज है यह सभी जाधते हैं पर इसे अमल में नहीं लाना उनके खुद की बर्बादी का कारण बनता है। नशापान से होनेवाले नुकसान एवं नशामुक्ति से होनेवाले लाभ की विवेचना की। वहीं कहा कि इस मिशन की सफलता के लिए जन जागृति पहली शर्त है। सरकार ने पाबंदी लगाई है इसके निहितार्थ को समझते हुए सभी इस दिशा में अपनी भूमिका निभाएं तभी बात बनेगी, राज्य तरक्की करेगा। इस दौरान सीतामढ़ी से आए ग्राम विकास मंच के संस्थापक नागेंद्र ¨सह ने सरकार के इस फैसले की सराहना की वहीं आह्वान किया कि जब आम जनता जग जाएगी तो परिवर्तन स्वत: हो गया। इसके सामाजिक प्रतिबद्धता को आवश्यक बताया। मौके पर राजद नेता मनोज कुमार, मानवाधिकार के राजू नैयर सहित अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का प्रारंभ सामूहिक दीप प्रज्जवलन से किया गया। वहीं आगत अतिथियों का स्वागत शिवहर एसपी संतोष कुमार ने पुष्प गुच्छ देकर किया। वहीं कहा कि आज शिवहर में एक खास उदेश्य जन जागरण के लिए इन महान हस्तियों का आना मेरे लिए सुखद है उम्मीद जताई कि हम पुलिस प्रशासन यहाँ कि जनता के सहयोग से जिले में पूर्ण शराबबंदी एवं नशामुक्ति में अवश्य सफल होंगे। मौके पर डीडीसी मो. वारिस खआन, डीएसपी सत्यनारायण कुमार, राकेश कुमार, सहित तमाम पुलिस पदाधिकारी, नगर पंचायत अध्यक्ष अंशुमाननंदन ¨सह, पूर्व जिप सदस्य अजबलाल चौधरी, लोजपा जिलाध्यक्ष विजय कुमार पांडेय, राजद जिलाध्यक्ष सुमित कुमार उर्फ दीपू वर्मा, कांग्रेस जिला प्रवक्ता मुकेश कुमार ¨सह, शिक्षाविद विजय पांडेय, जदयू नेता दिग्विजय ¨सह, मुखिया चंदन कुमार ¨सह उर्फ मुन्ना ¨सह, उपमुखिया प्रमोद राय, मुखिया डोमा साह, पूर्व मुखिया राजकिशोर पांडेय, राजद नेता प्रेमशंकर पटेल, हरिद्वार राय पटेल, सहित अन्य गणमान्य एवं बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं।