शिवहर–सीतामढ़ी रेल सेवा: कब शुरू होगी ट्रेन? सांसद ने लोकसभा में उठाया मुद्दा
Train start date Sheohar Sitamarhi: शिवहर-सीतामढ़ी रेल परियोजना में भूमि अधिग्रहण की धीमी गति के कारण ट्रेन सेवा शुरू होने में देरी हो रही है। सीतामढ़ ...और पढ़ें

Bihar railway development updates: लोकसभा में सांसद लवली आनंद ने उठाया मुद्दा l सौ: संसद टीवी
नीरज, शिवहर।Sheohar railway connectivity news : शिवहर-सीतामढ़ी के बीच पटरी पर ट्रेन दौड़ने के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा। एक ओर जहां मुआवजे के भुगतान को लेकर प्रशासन व रैयतों के बीच टकराव बरकरार है और भू-अर्जन की प्रक्रिया लंबित है।
वहीं जिला भू-अर्जन विभाग के पास भूमि अधिग्रहण के लिए पैसे नहीं है। 28 किमी शिवहर-सीतामढ़ी रेलमार्ग परियोजना में जहां सीतामढ़ी जिले में 95 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है वहीं शिवहर में महज 20 प्रतिशत भूमि का ही अधिग्रहण हो पाया है।
80 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण होना शेष है। भूमि अधिग्रहण के लिए शिवहर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने रेलवे से फंड की डिमांड की है। भूमि अधिग्रहण के लिए भू-अर्जन विभाग को कुल 266 करोड़ में से शिवहर 127 करोड़ रुपये ही मिले थे।
इसी बीच आरटीआई के जवाब में पूर्व मध्य रेलवे नरकटियागंज के उप मुख्य अभियंता निर्माण निर्भय कुमार मिश्रा ने बताया हैं कि इस रेलमार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
सीतामढ़ी जिले में 95 प्रतिशत व शिवहर जिले में अबतक 20 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। बताया है कि भू-अर्जन की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। इसमें पांच साल
का वक्त लगेगा। आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि इस रेलमार्ग व इसके अधीन पड़ने वाले स्टेशनों के नक्शा का निर्माण प्रक्रियाधीन है।
ढाई साल से जारी प्रक्रिया के बीच शिवहर में महज 20 प्रतिशत भूमि का ही अधिग्रहण हो पाया है और रेलवे भू-अर्जन के बाद रेलमार्ग निर्माण में पांच वर्ष लगने की बात कह रहा है तो निश्चित रूप से शिवहर में पटरी पर ट्रेन के दौड़ते देखने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
आरटीआइ कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्रा बताते है कि हाइटेक युग में बड़ा से बड़ा प्रोजेक्ट एक साल में बन कर तैयार हो रहा है जबकि रेलवे 28 किमी की इस परियोजना के लिए पांच साल का वक्त ले रही है।
इसके पहले भू-अर्जन की प्रक्रिया ही लटकी है। श्री मिश्रा ने कहा कि वे जल्द से जल्द काम शुरू हो और निर्माण पूरा हो, इसके लिए पीएम व रेल मंत्री को पत्र लिखेंगे।
बताते चलें कि लंबे आंदोलन व सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्रा द्वारा आरटीआइ लगाते रहने और पटना हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर करने के बाद कोर्ट के तल्ख टिप्पणी के बाद तत्कालीन सांसद रमा देवी ने मामले को लोकसभा में उठाया था। इसके बाद 28 मार्च 2023 को रेलवे ने सीतामढ़ी-शिवहर 28 किमी लंबी विशेष रेल परियोजना की स्वीकृति दी थी।
साथ ही कुल 566.83 करोड़ रुपये आवंटित भी कर दिए थे। दिसंबर 2023 में तत्कालीन सांसद ने डुब्बाघाट के पास बागमती नदी पर रेल पुल का शिलान्यास भी किया था। बताया गया था कि तीन साल में इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन पौने तीन साल बाद महज 20 प्रतिशत भूमि ही अधिगृहित की जा सकी है।
लोकसभा में फिर गूंजा रेलमार्ग निर्माण का मुद्दा
शिवहर-सीतामढ़ी रेलमार्ग के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का मुद्दा गुरुवार को एक बार फिर लोकसभा में गूंजा। शुक्रवार को शिवहर सांसद लवली आनंद ने लोकसभा में इस रेलमार्ग के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की धीमी रफ्तार पर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही इस वित्तीय वर्ष में ही रेलमार्ग निर्माण व परिचालन की मांग की।
उन्होंने कहा कि वह बार-बार शिवहर-सीतामढ़ी रेलमार्ग के निर्माण के लिए आवाज उठा रही है। साथ ही अपने संकल्पों को दोहरा रही है। इसके अलावा सांसद ने शिवहर लोकसभा क्षेत्र अंर्तगत रीगा, मोहनी मंडल, बैरगनिया, कुंडवा चैनपुर व घोड़ासहान स्टेशनों को भी अमृत भारत परियोजना में शामिल करने, इन स्टेशनों का सौंदर्यीकरण व आधुनिकीकरण की मांग की है।

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