शिवहर के सत्यम ने दिल्ली में लहराया परचम
इरादे अगर बुलंद हों तो कामयाबी कदम चूमती है, शारीरिक अक्षमता एवं दुश्वारियां खुद किनारा कर लेती हैं।
शिवहर । इरादे अगर बुलंद हों तो कामयाबी कदम चूमती है, शारीरिक अक्षमता एवं दुश्वारियां खुद किनारा कर लेती हैं। इस मिथक को सच साबित किया है धनकौल निवासी सुरेंद्र झा के पुत्र सत्यम कुमार ने। जो ²ष्टिबाधित (दिव्यांग) होने के बावजूद एक अदना सा जिला शिवहर का परचम राजधानी दिल्ली में लहराया दिया है। वहीं संदेश दिया है कि छोटे जिले में भी बड़ी प्रतिभाएं होती हैं। मालूम हो कि ²ष्टिबाधितों के लिए दिल्ली स्थित त्यागराज स्टेडियम में 21 वीं नेशनल एथलेटिक्स स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया था। इस दौरान दिव्यांग सत्यम कुमार ने अपनी अछ्वुत खेल क्षमता का प्रर्दशन करते हुए 100 मीटर रेस एवं 100 गुणा 400 मीटर रिले रेस दोनों में ही खिताब हासिल किया है। वहीं पद्मश्री से सम्मानित विजेन्दर ¨सह के हाथों सम्मानित होने का गौरव भी हासिल किया। इस अकल्पनीय उपलब्धि से न सिर्फ सत्यम के परिजन बल्कि जिलावासियों में खुशी है। इस खुशी के मौके पर इष्ट मित्र एवं जानने वाले फोन पर उसे बधाईयां दे रहे हैं। सत्यम के चाचा अनिल झा बताते हैं कि सत्यम बचपन में ही मेंजाइटिस की चपेट में आया जिसमें उसके आंख की रोशनी जाती रही लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। दिल्ली में ही एक दिव्यांगों के लिए संचालित विद्यालय में पढ़ाई की। वह फिलवक्त मैट्रिक की परीक्षा पास कर चुका है।वहीं एथलेटिक्स में भी अपना प्रयास निरंतर जारी रखा जो आज एक बड़ी उपलब्धि लेकर लौटा है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।