कई परिवारों का खेवनहार था संतोष झा
संतोष झा भले ही अपराध के रास्ते काली कमाई करता था लेकिन उसकी बदौलत बहुत से घरों का चूल्हा जलने की बात कही जाती है।
शिवहर। संतोष झा भले ही अपराध के रास्ते काली कमाई करता था लेकिन उसकी बदौलत बहुत से घरों का चूल्हा जलने की बात कही जाती है। दर्जनों परिवार उस पर आश्रित थे। बताते हैं कि संतोष के मौत की खबर सुन मंजू देवी का परिवार बिलख बिलख कर रो पडा़। उसकी बेटी सुन्दर कुमारी एवं बेटा मेघांनद झा की आंखे रो रोकर सूज गई हैं। उक्त परिवार के मुखिया संतोष के चाचा महेश झा की मौत वर्ष 2012 में किसी बीमारी से हो गई तभी से इनका परिवार पूरी तरह संतोष पर आश्रित था। संतोष अपने पिता से छुपाकर इस परिवार की हर मदद करता रहा था। इसी तरह संजय झा के परिवार को आर्थिक मदद देकर जीवन यापन में मदद कर रहा था संतोष के मौत की खबर के साथ ही वह परिवार भी खुद को बेसहारा महसूस कर रहा है। ऐसे और भी कई गुमनाम परिवार हैं जो संतोष झा के मदद के सहारे जीवन यापन कर रहे थे। उन सभी के लिए यह खबर किसी वज्रपात से कम नहीं है।