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बच्चों का टीकाकरण कराना अभिभावक का भी दायित्व : डीएम

डीएम अरशद अजीज की अध्यक्षता में कार्यालय कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की एक अहम बैठक आहूत की गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 12:38 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 12:38 AM (IST)
बच्चों का टीकाकरण कराना अभिभावक  का भी दायित्व : डीएम
बच्चों का टीकाकरण कराना अभिभावक का भी दायित्व : डीएम

शिवहर । डीएम अरशद अजीज की अध्यक्षता में कार्यालय कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की एक अहम बैठक आहूत की गई। इस दौरान परिवार कल्याण विभाग द्वारा खसरा- रूबेला को लेकर जारी टीकाकरण अभियान की गहन समीक्षा की गई। इस दौरान डीएम श्री अजीज ने कहा कि जिले को खसरा - रूबेला रोग से मुक्त करने का अभियान चल रहा है। इसमें सबकी सहभागिता आवश्यक है। टीकाकरण अभियान को पुरी संजीदगी से अंजाम देने की नसीहत देते हुए कहा कि यह बच्चों के लिए सुरक्षा कवच है। इसमें टीकाकर्मी के साथ बच्चों के अभिभावकों को भी इसके महत्व को समझने की जरूरत है। बच्चों का टीकाकरण अभिभावक का भी दायित्व है। विशेषज्ञों ने बताया गया कि 9 माह से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को खसरा रूबेला का टीका दिया जाना है। डीएम श्री अजीज ने जागरुकता के लिए एएनएम एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ योजनाबद्ध तरीके से क्रमवार जन समुदाय से संपर्क करने की बात कही। वहीं कहा कि टीका लगवाने के लिए माता-पिता को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। वहीं इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि का भी अपेक्षित सहयोग लिया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय खसरा- रूबेला टीकाकरण के तहत जिले में 2 लाख 5 हजार 196 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य है। इस कार्य के बेहतर निष्पादन के लिए कुल 125 टीकाकर्मी एवं पर्यवेक्षकों की टीमें लगाई जाएंगी। वहीं इसके मद्देनजर विद्यालयों में एचएम, शिक्षकों, आंगनवाड़ी सेविका, सहायिकाओं, आशा, एएनएम एवं चिकित्सकों को विशेष रुप से प्रशिक्षण दिया गया है ताकि लक्ष्य के अनुरूप बच्चों का टीकाकरण हो सके। वहीं विपरीत परिस्थितियों के लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों को भी लगाया गया है। जो निर्दिष्ट प्रतिरक्षण स्थल पर मौजूद रहेंगे। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. डीएन मलिक ने जानकारी साझा किया कि खसरा एक जानलेवा बीमारी है, जो बच्चों की अंपगता एवं मृत्यु का भी कारण बन सकती है। कहा कि यह संक्रामक रोग है। खांसने एवं छींकने से इसके जीवाणु फैलते हैं। वहीं बताया कि रूबेला रोग से गर्भवती महिला में गर्भपात या गर्भ में ही शिशु की मौत की संभावनाएं होती है। इससे बचने के लिए रूबेला का टीका सुरक्षित एवं काफी प्रभावशाली है। यह दुनिया के करीब 149 देशों में बीते 40 वर्षों से प्रयुक्त हो रहा है। यह टीकाकरण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत जरूरी है। वहीं डीईओ डॉ.एके झा ने बताया कि स्कूल में टीकाकरण के वक्त संबंधित शिक्षक मौजूद रहेंगे। बच्चों के अभिभावकों की मौजूदगी अनिवार्य नहीं है। अगर रहना चाहे तो यह भी सकते हैं। बैठक के अंत में सभी पदाधिकारियों एवं संबंधित कर्मियों को टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने का निर्देश दिया गया ताकि जिले से खसरा रूबेला का उन्मूलन हो सके। मौके पर एसडीओ आफाक अहमद, सीएस डीएन मलिक, डीईओ मो.मसलेउद्दीन, जिला योजना पदाधिकारी उमाशंकर पाल सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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