दूसरी सोमवारी पर केसरिया हुआ देकुली धाम
शिवहर। सावन की दूसरी सोमवारी पर जिले के सभी शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई।
शिवहर। सावन की दूसरी सोमवारी पर जिले के सभी शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। वहीं एनएच 104 शिवहर सीतामढ़ी पथ में देकुली धाम पर तो आज करीब पचास हजार श्रद्धालुओं ने बाबा भुवनेश्वर नाथ महादेव का जलाभिषेक किया वहीं जीवन में मंगल की याचना की। इस दौरान पूरा देकुली धाम केसरिया रंग में रंगा नजर आया। वहीं चारों तरफ बोल बम, हर हर महादेव, जय शिव एवं प्रणव मंत्र ऊं नम: शिवाय की गूंज सुनाई देती रही। आज भीड़ बढ़ने की वजह शिवहर - सीतामढ़ी पथ का चालू होना भी रहा। नतीजतन पड़ोसी देश नेपाल के भी श्रद्धा़लुओ की तादाद अच्छी खासी रही वहीं सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर एवं पूर्वी चंपारण के पूर्वी छोर के भक्त भी डाक बम बनके पहुंचे थे। - बागमती के जल से किया जलाभिषेक आस्था में डूबे शिवभक्तों की टोलियां धाम से एक किलोमीटर पूरब स्थित बागमती से जलबोझी कर बोल बम बोलते बाबा भुवनेश्वर नाथ महादेव का जलाभिषेक किया वहीं आधे भक्तों ने मंदिर के पार्श्व में स्थित जलाशय से जल लिया। श्रद्धा़लुओं में महिला, पुरुष, बच्चे एवं वृद्ध सभी शामिल थे लेकिन महिलाओं की संख्या सर्वाधिक देखी गई जो बड़ी तन्मयता से पूजा अर्चना करती दिखी। - सुरक्षा के थे व्यापक प्रबंध श्रावणी मेला और सोमवारी दर्शन को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए थे। करीब एक सौ सुरक्षाकर्मी जिसमें महिला कांस्टेबल भी शामिल थीं को लगाया गया था। वहीं मंदिर प्रबंधन की ओर से अतिरिक्त स्वयंसेवकों को लगाया गया था। भीड़ एवं भगदड़ से बचाव को परिसर में बेरिकेटिग की गई है। वहीं उचक्कों पर नजर रखने को मंदिर सहित पूरे मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
वहीं सुरक्षा में तैनात पिपराही थानाध्यक्ष अवधेश कुमार, हिरम्मा थानाध्यक्ष राकेश कुमार, अनुसूचित जाति / जनजाति थानाध्यक्ष जितेंद्र महतो को विधि व्यवस्था संधारण में व्यस्त देखा गया। - पूरे दिन गूंजता रहा भजन कीर्तन एवं नचारी की धुन दूर- दूर से पहुंचने कांवरियों की मंडली को भक्ति भाव में लीन देखा गया। कोई भजन कीर्तन करता दिखा तो महिलाएं शिव की नचारी गाती देखी गईं। वहीं विभिन्न चारपहिया वाहनों पर बांधे डीजे सेट की कानफाड़ू धुन पर युवा श्रद्धा़लु झूमते नजर आए। - बुनियादी सुविधाओं का दिखा अभाव इन सबके बीच एक कमजोर पक्ष भी दिखा कि जिले के इस ऐतिहासिक शिवालय पर बुनियादी सुविधाओं का समुचित प्रबंध नहीं होने से आगंतुकों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। खासकर शुद्ध पेयजल एवं शौचालय का उचित प्रबंध नहीं है। मंदिर परिसर टाइल्स मढ़ा एक प्याऊ जरुर दिखाई दिया लेकिन न उसमें नल है न जल। दर्शनार्थियों को पानी पीने की खातिर यत्र तत्र भटकते देखा गया। वही हाल यूरिनल एवं शौचालय का भी है जो बुनियादी सुविधाएं है