महीनों बीत गए नहीं हुई रेनकट की मरम्मत
वर्षों से प्रतीक्षित शिवहर-सीतामढ़ी पथ एनएच 104 की हालत सुधरने के बजाय और खराब हो रहा है।
शिवहर। वर्षों से प्रतीक्षित शिवहर-सीतामढ़ी पथ एनएच 104 की हालत सुधरने के बजाय और खराब हो रहा है। मुख्यालय से देकुली धाम के बीच महज पांच किमी में तीन डायवर्सन खतरनाक स्थिति में हैं जहां बरसात में कीचड़ तो सूखे में धूल व गड्ढे खतरा का सबब बने हैं। हद तो यह कि रसीदपुर व कोला पुल के बीच पुल बनकर तैयार है जहां महज कुछ मिट्टी डालकर उसे उपयोगी बनाया जा सकता है जो नहीं हो रहा। उससे करीब दो सौ मीटर पर स्थित दूसरे डायवर्सन के खतरनाक गड्ढे कई दुर्घटना की वजह बन चुके हैं। आगे बढ़ें तो देकुली से पूर्व महादलित बस्ती के पास स्थित पुल का पहुंच पथ ग्रामीणों ने खुद की बदौलत बनाया था जो फिर से खस्ताहा में है। इन विसंगतियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इस सड़क का कोई देखनहार कोई नहीं है।
सबसे हास्यास्पद स्थिति तो बागमती नदी के तटबंधों के बीच बने डुब्बा पुल के दोनों तरफ है जहां छह महीने पूर्व बने दो रेनकट आज भी उसी हाल में है। जिसकी मरम्मत करने की जरूरत आज तक महसूस नहीं की गई यह चिता का विषय है।
मालूम हो कि एनएच-104 का निर्माण विगत पांच वर्षों से जारी है कितु अपेक्षित कार्य प्रगति नहीं दिख रही। मौजूदा हाल यह है कि बागमती के दोनों तटबंध के बीच जर्जर सड़क एवं गर्दो गुबार से लोग उस रास्ते जाना मुनासिब नहीं समझते। जबकि उक्त सड़क शिवहर- सीतामढ़ी की लाइफ लाइन कही जाती है। राहगीर अब वैकल्पिक रास्ते पिपराही- पुरनहिया के रास्ते सीतामढ़ी जाने को विवश हैं।