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मनरेगा से प्रवासी मजदूरों को दिन बहुरने की उम्मीद

वैश्विक महामारी कोरोना और लॉकडाउन के बीच प्रखंड क्षेत्र में लगातार प्रवासियों का आना जारी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 12:22 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:07 AM (IST)
मनरेगा से प्रवासी मजदूरों को दिन बहुरने की उम्मीद
मनरेगा से प्रवासी मजदूरों को दिन बहुरने की उम्मीद

शिवहर। वैश्विक महामारी कोरोना और लॉकडाउन के बीच प्रखंड क्षेत्र में लगातार प्रवासियों का आना जारी है। खासकर बाहर काम करने वाले लोग घर लौट रहे इसके साथ ही रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है। गेहूं की कटनी और थ्रेसिग के दौरान तो काम मिला उस समय मजदूरों की आवक भी कम थी कितु अब बड़ी संख्या में लौटे लोग काम की तलाश कर रहे। रोजगार संकट का एक और कारण मशीनों पर बढ़ती निर्भरता है जिसने मानव श्रम की उपयोगिता कम कर दी है। परिणामस्वरूप अब हर हाथ को काम नहीं मिल रहा साथ ही परिवार के भरण पोषण का संकट भी गहरा हो रहा। ऐसे में मनरेगा से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। सरकार भी भरोसा दे रही कि अब बाहर जाने की जरूरत नहीं सभी को रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। मालूम हो कि लॉक डाउन की अवधि में प्रखंड क्ववारंटाइन सेंटर / कैंपों में पहुंचने वालों की संख्या करीब एक हजार पांच सौ हो गई है। जानकारी के मुताबिक करीब आधे लोग 14 दिन की अवधि पूरी कर होम क्वारंटाइन में हैं। उन परिवारों की परिस्थिति से अवगत हुआ जा सकता है कि खाली हाथ लौटकर आए प्रवासियों का भरण पोषण कैसे हो रहा होगा। इससे इंकार नहीं कि सरकार द्वारा जॉब कार्ड उपलब्ध कराए गए है। मनरेगा द्वारा उन्हें काम भी उपलब्ध कराया जा रहा। योजना के अनुसार विभिन्न पंचायतों में बड़ी संख्या में मानव रोजगार दिवस सृजित किए जा रहे। कार्यक्रम पदाधिकारी अनंत कुमार शर्मा ने बताया कि जिन प्रवासी मजदूरों के पास जॉब कार्ड नहीं है उन्हें उक्त कार्ड से आच्छादित दिया जा रहा। जल जीवन हरियाली सहित अन्य योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा। वर्तमान में प्रखंड में जॉब कार्डधारकों की संख्या करीब 6681 है। विगत दो महीने में आठ पंचायतों में 366 जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इन मजदूरों को पोखर, बडे़बा नाला उडा़ही, पीएम आवास योजना ,सड़क सह गली निर्माण, पौधारोपण , बकरी शेड, मवेशी शेड निर्माण सहित कारगिल शहीद मेजर चंद्रभूषण द्विवेदी स्मारक स्थल पर सौंदर्यीकरण कार्य में लगाया गया है। वहीं कार्य स्थल पर शारीरिक दूरी सहित अन्य सावधानियां बरती जा रही। दूसरी तरफ मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, सूरत जैसे महानगरों से लौटे लोगों में निराशा देखी जा रही। विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले प्रवासी मनरेगा में मजदूरी नहीं करना चाहते। इतना ही नहीं लॉक डाउन खत्म होने पर फिर से महानगर लौटने की तैयारी कर रहे।

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