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शिक्षा के मजबूत स्तंभ थे मौलाना अबुल कलाम आजाद

मुख्यालय के हक मार्केट स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 11:43 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:13 AM (IST)
शिक्षा के मजबूत स्तंभ थे मौलाना अबुल कलाम आजाद
शिक्षा के मजबूत स्तंभ थे मौलाना अबुल कलाम आजाद

शिवहर। मुख्यालय के हक मार्केट स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई। अध्यक्षता पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष मो. नसीम अख्तर ने की। मौके पर बतौर मुख्य अतिथि कांग्रेस जिलाध्यक्ष मो.असद ने कहा कि 1888 में जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद में अद्भुत प्रतिभा थी जिसकी बदौलत ही उन्हें स्वतंत्र भारत का पहला शिक्षा मंत्री बनाया गया। वे एक साथ महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर शिक्षाविद एवं लेखक के रूप में भी जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूसीजी सहित अन्य उपलब्धि देश के नाम हुई।

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वहीं उन्होंने अपने बारह साल के मंत्रित्व काल में करीब तीन दर्जन से अधिक शैक्षणिक संस्थानों की सौगात दी। मौलाना आजाद समतामूलक समाज एवं नारी शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे। उनका मानना था कि यदि महिलाएं शिक्षित हों तो बहुत सारी समस्याओं का निदान स्वत: संभव है। शिक्षा को आभूषण बता बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा प्रेरित करते रहे। मौके पर जिला प्रवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि उनके जन्मदिन पर देश को उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लेने की जरूरत है। इससे देश में शैक्षणिक क्रांति आएगी वहीं विकास के नए रास्ते खुलेंगे। मौके पर मो. जुल्फिकार अली, मो. जवाहीर, प्रमोद राय, मो. फारूख, नगनारायण सिंह सहित अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद थे।


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