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गोदाम में पड़े हैं जीविका दीदियों के बनाए मास्क

शिवहर। कोरोना से उत्पन्न संकट के बीच आज हर किसी को मास्क लगाने को न सिर्फ जागरुक किया जा रहा बल्कि इसकी अनदेखी पर जुर्माना वसूल किए जा रहे। इस कड़ाई का मकसद है कि सभी मास्क लगाएं ताकि कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो सके।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 01:11 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 06:07 AM (IST)
गोदाम में पड़े हैं जीविका दीदियों के बनाए मास्क
गोदाम में पड़े हैं जीविका दीदियों के बनाए मास्क

शिवहर। कोरोना से उत्पन्न संकट के बीच आज हर किसी को मास्क लगाने को न सिर्फ जागरुक किया जा रहा बल्कि इसकी अनदेखी पर जुर्माना वसूल किए जा रहे। इस कड़ाई का मकसद है कि सभी मास्क लगाएं ताकि कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो सके। वहीं दूसरी ओर जीविका दीदियों द्वारा निर्मित करीब 57 हजार मास्क गोदाम की शोभा बढ़ा रहे। इसके खरीदार नहीं मिल रहे जबकि मानक के अनुरूप बने उक्त मास्क की उपलब्धता महज लागत मूल्य पर की जा रही।

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इसके लिए नेपथ्य में जाना होगा। ये मास्क तब बने थे जब मास्क की किल्लत थी। या तो मिल नहीं रहे थे मिल रहे थे तो कीमत अधिक थी। तब युद्ध स्तर पर जीविका दीदियों ने कोरोना वारियर्स के रूप में दिन- रात एक कर दिया था। तब इससे जुड़ी खबर और तस्वीरें भी सुर्खियों में थी। आज जब विभिन्न डिजाइन के मास्क बाजार में उपलब्ध हैं जिनकी गुणवत्ता की गारंटी नहीं तो जीविका दीदियों के परिश्रम को भुला दिया गया। जीविका कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक विभिन्न प्रखंडों की 25 जीविका दीदियों 92 हजार मास्क बनाए थे। जिसमें टू लेयर एवं थ्री लेयर के मास्क शामिल थे। कीमत क्रमश: 20 एवं 17 रुपये तय थी। उम्मीद जताई गई थी कि इससे न सिर्फ बेहतर मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित होगी बल्कि इसमें लगीं दीदियों को भी रोजगार उपलब्ध होंगे। लेकिन यह अनुमान छलावा साबित हुआ। अब तक मात्र 35 हजार मास्क का ही उठाव हुआ शेष 57 हजार मास्क यूं ही बेकार पड़े हैं।

बाद के दिनों में सूबे के सीएम नीतीश कुमार ने भी जीविका निर्मित मास्क की गुणवत्ता का बखान किया। पंचायत स्तर पर मास्क वितरण में उक्त मास्क को प्रमुखता देने के निर्देश स्थानीय जिला पदाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने भी किया। उस वक्त की हर बैठक में यह निर्देश दोहराएं गए लेकिन वह प्रभावी नहीं हुआ। जीविका के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी इंदुशेखर इंदु ने बताया कि पंचायत द्वारा महज 8 हजार मास्क की खरीद की गई जबकि हम लोगों ने उम्मीद जताई थी यह संख्या लाखों में होगी। बताते चलें कि जिले में कुल 53 पंचायत हैं। उक्त वितरण में संबंधित मुखिया द्वारा जीविका निर्मित मास्क को नकारते हुए निजी तौर पर न मालूम कहां से मास्क की आपूर्ति कराई गई। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्री इंदु ने बताया कि अब जीविका दीदियों को अपनी मेहनत ओर उठाए गए जोखिम पर पश्चाताप हो रहा वहीं पूंजी फंसी पड़ी है सो अलग।


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