पच्चीस वर्षों से महादलितों को है सड़क का इंतजार
शिवहर। एक ओर सरकार गरीबों खासकर महादलितों के उत्थान एवं विकास की बात करती है वहीं दूसरी ओर पिपराही प्रखंड के बेलवा पंचायत स्थित सुनरवती टोला आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं।
शिवहर। एक ओर सरकार गरीबों खासकर महादलितों के उत्थान एवं विकास की बात करती है वहीं दूसरी ओर पिपराही प्रखंड के बेलवा पंचायत स्थित सुनरवती टोला आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। जहां बीते पच्चीस- तीस वर्षों से पगडंडी के सहारे जिदगी गुजर रही है। करीब दो हजार की आबादी वाला सुनरवती टोला बुनियादी सुविधाओं को तरसते हैं। रविवार को दैनिक जागरण टीम गांव की पाती अभियान के तहत जब पहुंची तो ग्रामीणों का दर्द छलक पड़ा। अपनी परेशानियां बताते ग्रामीणों के चेहरे सच्चाई बयां करते दिखे। बताया कि सड़क सुविधा से वंचित होना सरकार एवं जिला प्रशासन के ऊपर नाकामी का धब्बा है। इतना ही नहीं कहा कि बीते माह एक प्रसूति महिला को खटिया पर लेकर लोग इलाज के लिए निकले जो रास्ते में दम तोड़ गई। अगर सड़क होती समय पर इलाज होता तो उसकी जान बच सकती थी लेकिन इस दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है। ऐसा भी नहीं कि यह पहली घटना है पूर्व में भी कई घटनाएं हो चुकी हैं। गांव के समीप स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं लेकिन वहां चिकित्सक एवं कर्मी कभी कभार ही दिखते हैं। बागमती नदी का बाढ़ यहां के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं है। जिसमें यहां घर बार से लेकर सड़कें तक बाढ़ की भेंट चढ़ जाती हैं। जिसका प्रमाण दक्षिण टोला हनुमान मंदिर से अंबा जानेवाली सड़क पर बने गड्ढे हैं। वही हाल बच्चों की पढ़ाई का है। यहां कोई स्कूल नहीं है। तीन किलोमीटर दूर बच्चों को जाना होता है। आंगनवाड़ी केंद्र हैं जहां बच्चे जैसे - तैसे साक्षर हो लेते हैं।उधर नरकटिया गांव का भी बुरा हाल है। जब कभी बाढ़ आती है तो सबसे ज्यादा तबाही यहीं होती है। विस्थापितों सी जिदगी यहां के लोग जी रहे हैं। जागरण के इस चौपाल में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि बेलवा पंचायत में शामिल नरकटिया, सिगाही, बेलवा, माधोपुर एवं इनरवा गांवों में विकास दिखता है लेकिन बेलवा का सुनरवती टोला वार्ड 8 मानो विकास मामले में आज भी दशकों पीछे है। यूं कहें कि सुनरवती टोला की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। चौपाल में शामिल ग्रामीण प्रमोद राम, रामजी साहनी, अजय पासवान, नवीन पासवान, रविद्र साहनी, अमिदर साहनी, सुनील पंडित, राघो चौधरी सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।
कहते हैं मुखिया
पंचायत के मुखिया कमलेश पासवान बताते हैं कि पंचायत में ग्रामीण सड़क की समस्या सबसे ज्वलंत है। वहीं बेलवा घाट स्थित एसएच 54 सड़क एवं निर्माणाधीन डैम दोनों सबसे बड़ी समस्या है। इसका निदान होने से यहां के लोगों की आधी समस्या स्वत: दूर हो जाएगी। पंचायत के कार्यो में विकास को प्रधान मानते हुए कई जर्जर सड़कें दुरूस्त की गईं हैं वहीं मनरेगा से मिट्टी भराई एवं समतलीकरण के कार्य हुए हैं। नल जल योजना को गंभीरता से लेते हुए वार्डों में पाइप एवं नल लगाया जा रहा है जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। सबसे बड़ी चिता महादलित बस्ती में सड़क एवं विद्यालय का नहीं होना है। मेरी पूरी कोशिश है कि इन दोनों मूलभूत समस्याओं का समाधान हर हाल में किया जाए।
कहते हैं ग्रामीण
सुनरवती गांव की गर्भवती गायत्री देवी कहती है कि इस गांव में कोई सुविधा नहीं है। खाट पर लादकर मरीज को डॉक्टर के यहां ले जाना होता है। समय पर इलाज नहीं होने से कई मौतें हो चुकी हैं। मुझे तो अभी से डर लग रहा है। सलामती के लिए भगवान से रोज प्रार्थना करती हूं। वहीं मलाल भी है कि कैसे गांव में शादी हो गई जहां से निकलने को सड़क नहीं है। सुरेंद्र पंडित कहते हैं कि गांव के लोग आज भी आदिवासी की जिदगी जी रहे हैं जहां विकास नहीं है। सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य की जहां कोई व्यवस्था नहीं वहां विकास की बात बेमानी है। हर बार नेता, अधिकारी मंत्री सिफऱ् आश्वासन देकर चले जाते हैं। हमलोग जहां हैं वहीं खड़े हैं। भोला बैठा का कहना है कि सुनरवती टोला के विकास को ग्रहण लग गया है। सरकार महादलितों के विकास का झूठा दम भरती है। यहां करीब तीन दशक से सड़क नहीं है। इसके लिए पल्स पोलियो अभियान का कई बार विरोध किया गया लेकिन हर बार झूठी दिलासा देकर हमलोगों की आवाज दबा दी जाती है।
बेलवा पंचायत : एक नजर - कुल गांवों की संख्या : 5
- कुल वार्डों की संख्या : 12
- कुल जनसंख्या- 12 हजार 500
कुल मतदाता - 6 हजार 200
- बीपीएल लाभुक - 2900
- एपीएल - 2500
- अंत्योदय - 400
- स्वास्थ्य उपकेंद्र - 02
- प्राथमिक विद्यालय 01
- मध्य विद्यालय - 05
- हाई स्कूल - 0
- आंगनवाड़ी केन्द्र- 10
- जविप्रणाली की दुकान - 05