मैं भी रखूँगा रोजा
पूरे साल इंतजार रहता है पाक महीना रमजान का। जब घर के अन्य लोग रोजा रख सकते हैं तो मैं क्यू नहीं रख सकता।
शिवहर। पूरे साल इंतजार रहता है पाक महीना रमजान का। जब घर के अन्य लोग रोजा रख सकते हैं तो मैं क्यू नहीं रख सकता। यह कहना है मथुरापुर के सात वर्षीय मो. अमन खान का, जो पहले कक्षा का विद्यार्थी है और क्लास में भी पहले स्थान पर ही है। इस बार रोजा रखकर अमन काफी खुश है। उसके चेहरे पर लेशमात्र भी न तो शिकन है और न ही ¨चता। अमन के अब्बू मो. फिरोज आलम खान अरब देश के कतर में रहते हैं। जहां से करीब रोज ही इफ्तार एवं सेहरी के वक्त अमन की खैरियत पूछी जाती है। - महज ढाई साल के बच्चे ने रखा रोजा
मेसौंढ़ा निवासी शाजिद इकबाल के ढ़ाई साल के बेटे साद ने 15 घंटे लगातार रोजा रखकर लोगों को अचंभे में डाल दिया है, जो चर्चा का विषय बना है। बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है।