...कैसे बंद होगा शराब का कारोबार
शराबबंदी के ढ़ाई वर्ष पूरा होने को है, बावजूद इसके न शराब का कारोबार रुका है न ही शराबी अपनी लत से बाज आ रहे हैं जो वाकई ¨चताजनक है।
शिवहर। शराबबंदी के ढ़ाई वर्ष पूरा होने को है, बावजूद इसके न शराब का कारोबार रुका है न ही शराबी अपनी लत से बाज आ रहे हैं जो वाकई ¨चताजनक है। आज शिवहर में सरकारी बस से शराब की खेप बरामद होना इस ओर इशारा करता है कि धंधेबाज एवं पुलिस तू डाल डआल मैं पात पात का खेल जारी है। बता दें कि इसके पूर्व जिले में जल मार्ग से हो रही तस्करी का पर्दाफाश हुआ था जब बागमती नदी के पास नाव से शराब की खेप पकड़ी गई थी। बीते दिनों तरियानी में एक बाप बेटे को पकड़ा गया जो नकली विदेशी शराब बनाने के साजो सामान सहित पकड़ा गया था। गोयाकि शराब कारोबारी अपने धंधे को बरकरार रखने को नित नई तरकीबें निकाल रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि पुलिस सख्ती से बखूबी अपना काम कर रही है। एसपी संतोष कुमार ने तो बाकायदा अभियान ही चला रखा है। बावजूद इसके हर अगले रोज शराबी एवं कारोबारी की गिरफ्तारी एक यक्ष प्रश्न बन गया है। कहना न होगा कि आंकड़ों के मुताबिक जिला शिवहर सर्वाधिक शराब खपत करनेवाले जिलों में शुमार रहा है। लोगों का मानना है कि अभी काफी समय लग सकता है शराबियों की लत छुड़ाने में। ¨चता की एक बात और भी है कि इतनी गिरफ्तारी एवं पुलिसिया कार्रवाई के बाद भी धंधा बंद क्यों नहीं हो रहा। लोग बताते हैं कि इसकी दो वजहें साफ हैं एक तो इसमें अकूत कमाई हो रही है। सौ रुपये की बोतल 5 सौ रुपये तक बिक जाती हैं। दूसरे पड़ोसी नेपाल से नजदीक होना भी एक मुख्य वजह है। जहाँ से शराब की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। लेकिन इस बात की भी ¨चता लोगों में है कि क्या पुलिस से बेखौफ शराब माफिया एवं शराबी अपनी कारस्तानी से बाज भी आएंगे ?