डूबने से चार नाबालिग बच्चों की मौत, पसरा मातम
रविवार का दिन जिले के लिए काला दिन साबित हुआ। अलग-अलग गांवों में डूबने से चार नाबालिग बच्चों के मौत की खबर से जिले में शोक की लहर देखी गई।
शिवहर। रविवार का दिन जिले के लिए काला दिन साबित हुआ। अलग-अलग गांवों में डूबने से चार नाबालिग बच्चों के मौत की खबर से जिले में शोक की लहर देखी गई। सोशल मीडिया पर वायरल उक्त खबर का प्रभाव रहा कि हर चौक चौराहों पर बस इसी दुर्घटना की चर्चा एवं अफसोस जताते लोग। पहली सूचना नगर थाना क्षेत्र के फतहपुर ब्राह्मण टोली से आई जहां सोभित कुमार (10) पिता क्रांति कुमार उर्फ बिहारी घर के पास स्थित बालसुंदर नदी में डूब गया। फिर पिपराही थाना क्षेत्र के धनकौल निवासी मो. मुस्तकीम के पुत्र मो. निजामुद्दीन (12) की मौत बागमती नदी के नाले में डूबने से हो गई। तभी सूचना मिली कि तरियानी थाना क्षेत्र के गंगा धरमपुर गांव में कल्ह से ही लापता बच्चे की लाश मिल गई है। जिसकी पहचान अमरजीत साह के पुत्र धीरज कुमार (6) के रुप में हुई है। उक्त बच्चा स्कूल से लौटते वक्त गहरे नाले में डूब गया था। जबकि चौथी घटना पिपराही थानांतर्गत मोहनपुर में घटी जहां रतन राम की दो वर्ष की बच्ची आएशा कुमारी की मौत घर के पास गड्ढे में डूबने से हो गई।
घटना क्षेत्र की पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम में भेजा। जब लाश गांवों में पहुंची तो परिजनों की चीत्कार से ग्रामीणों को भी शोकाकुल देखा गया। वहीं पड़ोस के लोग पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाते देखे गए।
यहां यह भी उल्लेख करना आवश्यक है कि कल्ह शनिवार को भी बिसाहीं गांव में एक किशोर एवं देकुली धर्मपुर में पांच वर्षीया बच्ची की डूबने से मौत हो गई थी। इस तरह दो दिनों में आधा दर्जन मौतें दुखद तो है ही साथ ही विचारणीय भी है कि इन मौतों की वजह क्या है? यह सच है कि मौत पर किसी का वश नहीं कितु नाबालिग बच्चों का नहाने के दौरान डूबना कहीं कहीं अभिभावकों की लापरवाही का परिणाम है।