शिवहर में बाढ़ का पानी उतरा, अब सड़ाध से परेशानी
बुधवार को जिलावासियों को बाढ़ की विभीषिका से निजात सी मिलती दिख है।
शिवहर। बुधवार को जिलावासियों को बाढ़ की विभीषिका से निजात सी मिलती दिख है। बागमती में जलस्तर का गिरना तो जारी है ही प्रभावित इलाकों में भी तेजी से पानी उतर रहा है। हा निचले हिस्से में अभी भी जलजमाव दिख रहा है जिससे मुक्ति पाने में अभी भी वक्त लगेगा। बर्बाद आशियाने को दुरुस्त करने में जुटे लोग जैसे- जैसे बाढ़ का पानी कम हो रहा है लोग अपने घरों को लौटने की तैयारी में लगे हैं लेकिन टूटे बिखरे, कीचड़ भरे घरों में वापसी इतनी जल्दी संभव नहीं है। कई ऐसे गाव हैं जहा की सड़कों को क्षति पहुंची है। कुल मिलाकर सामान्य स्थिति होने में समय लगेगा। न सिर्फ गाव शहर भी अछूता नहीं है। मुख्यालय स्थित सरोजा सीताराम सदर अस्पताल की सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। इसके अतिरिक्त सीतामढ़ी एवं मोतिहारी कसे सड़क संपर्क पूर्णत: बाधित है। सडाध भरे दुर्गंध से संक्त्रमण की आशका अब सबसे बड़ी समस्या बाढ़ के बाद फैलने वाली दुर्गंध से है। जिससे डायरिया होने का खतरा प्रबल है। हालाकि प्रशासन की ओर से ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव की व्यवस्था की जा रही है। किसानों का बुरा हाल बाढ़ के उत्पात ने किसानों को चौतरफ़ा नुकसान पहुंचाया है। घर में रखे अनाज पानी में डूब गए तो भविष्य के सपने धान की फसल खेतों में नष्ट हो गई है। वहीं दरवाजा पर बंधे पशुओं के लिए चारा ढूंढकर लाना चुनोती भरा काम है। इधर सारी समस्याओं से जूझते किसानों की जेब खाली है तो पेट भी खाली। राहत शिविरों में भोजन कब तक मिलेगा। कलर्स को तो खुद का चूल्हा जलाना ही होगा। यह एक यक्ष प्रश्न है।