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नहीं खुल सका गन्ने की खरीदारी को मापतौल केंद्र

शिवहर। रीगा चीनी मिल द्वारा पेराई सत्र शुरू करने से इंकार किए जाने के बाद ईंखायुक्त बिहार

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 11:37 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 11:37 PM (IST)
नहीं खुल सका गन्ने की खरीदारी को मापतौल केंद्र
नहीं खुल सका गन्ने की खरीदारी को मापतौल केंद्र

शिवहर। रीगा चीनी मिल द्वारा पेराई सत्र शुरू करने से इंकार किए जाने के बाद ईंखायुक्त बिहार द्वारा शिवहर-सीतामढ़ी की 15 लाख टन गन्ने को गोपालगंज, सिधवलिया और मझौलिया चीनी मिलों को आवंटित करने के आदेश के एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बावजूद अबतक गन्ने की खरीदारी शुरू नहीं हो सकी है। न शिवहर में संबंधित चीनी मिल ने गन्ने की खरीदारी के लिए मापतौल केंद्र खोला जा सका है और नहीं सीतामढ़ी में ही। जबकि, बिचौलियों द्वारा अवैध मापतौल केंद्र खोलकर किसानों से सरकारी दर से आधी कीमत पर गन्ने की खरीदारी की जा रही है। बिचौलिये और संबंधित चीनी मिल आपसी घालमेल कर इलाके के किसानों को चपत लगा रहे है। 13 जनवरी को ईंखायुक्त बिहार अरशद अजीज ने रीगा चीनी मिल प्रक्षेत्र के किसानों की 15 लाख टन गन्ने को गोपालगंज, मझौलिया और सिधवलिया की चीनी मिलों को आवंटित किया था। इसके लिए तीनों चीनी मिल को शिवहर में चार और सीतामढ़ी में 15 समेत 19 मापतौल केंद्र खोलने का आदेश दिया था। ईंखायुक्त ने किसानों को गन्ने की राशि एक सप्ताह के भीतर बैंक खाते में भेजने का निर्देश दिया था। जबकि, शिवहर-सीतामढ़ी से गन्ना को चीनी मिल तक ले जाने में लगने वाले खर्च का भुगतान बाद में बैठक कर लेने का निर्देश दिया था। शिवहर-सीतामढ़ी से गोपालगंज, मझौलिया व सिधवलिया तक गन्ना ले जाने में 70 से 90 रुपये का खर्च आ रहा था। इस खर्च की राशि की भरपाई पर बाद में निर्णय लेने के आदेश के चलते संबंधित चीनी मिल पीछे हट गई। हालांकि, अबतक उक्त चीनी मिलों ने मापतौल केंद्र खोलने से इन्कार नहीं किया है, लेकिन अबतक मापतौल केंद्र खोलने की पहल भी शुरू नहीं की है। दूसरी ओर बिचौलिये किसानों को झांसा देकर आधी कीमत पर गन्ना खरीद कर इसे इन्हीं तीनों मिल में पहुंचा रहे है। जाहिर है कि, संबंधित चीनी मिल बिचौलियों के माध्यम से इलाके की गन्ना ले रही है। मिल और बिचौलियों के घालमेल में किसान पिस कर रह गए है। मापतौल खुलने का इंतजार कर रहे किसानों के सब्र का बांध भी टूटने लगा है। हैरत की बात यह कि शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा न तो रीगा चीनी मिल का संचालन कराने के लिए कोई पहल की गई और नहीं मापतौल केंद्र शुरू कराने के लिए ही कोई पहल की जा रही है।

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मामला पहुंचा सीएम के पास ::::

शिवहर : रीगा चीनी मिल के बंद होने से उत्पन्न् किसानों की समस्या अब सीएम नीतीश कुमार तक पहुंच गई है। ईंखोत्पादक संघ रीगा के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह ने पटना में सीएम नीतीश कुमार से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी है। उन्होंने सीएम को रीगा चीनी मिल बंद होने व आदेश के बावजूद तीन चीनी मिलों द्वारा सीतामढ़ी-शिवहर में मापतौल केंद्र नहीं खोले जाने तथा इससे उत्पन्न किसानों की परेशानी की जानकारी दी है। साथ ही समस्या के समाधान की मांग की है। श्री सिंह ने कहा कि, सीएम के अलावा ईखायुक्त से मिलकर भी पूरे मामले की जानकारी दी है। उधर, उन्होंने कहा कि, इलाके के गन्ना किसानों के साथ मजाक हो रहा है। इलाके की गन्ना उन्हीं चीनी मिलों को बिचौलियों के माध्यम से जा रही है। जबकि, किसानों को आधी कीमत मिल रही है। अगर संबंधित चीनी मिल मापतौल केंद्र खोलकर गन्ने की खरीदारी करती तो किसानों को वाजिब कीमत मिलता। उन्होंने कहा कि रीगा चीनी मिल बंद है। लेकिन अन्य चीनी मिलों में भी इस साल दिसंबर से ही पेराई सत्र शुरू हुआ है। इस बार गन्ने का समर्थन मूल्य भी घोषित नहीं किया जा सका है।


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