Move to Jagran APP

अपनी जान गवां कर भी गाय को नहीं बचा सके सूरत लाल

करंट लगने से तड़प रही गाय को बचाने में अतरसन निवासी सूरत लाल प्रसाद ने बुधवार की सुबह जान की बाजी लगा दी। गाय को तो बचा नहीं सके खुद भी काल के गाल में समा गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 06:07 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 07:25 PM (IST)
अपनी जान गवां कर भी गाय को नहीं बचा सके सूरत लाल
अपनी जान गवां कर भी गाय को नहीं बचा सके सूरत लाल

संसू, रसूलपुर : करंट लगने से तड़प रही गाय को बचाने में अतरसन निवासी सूरत लाल प्रसाद ने बुधवार की सुबह जान की बाजी लगा दी। गाय को तो बचा नहीं सके, खुद भी काल के गाल में समा गए।

loksabha election banner

जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह सूरत लाल गेंहू की कटनी के लिए खेत जाने के लिए तैयार हुए। अपनी गाय को भी चराने के ख्याल से ले गए। घर से कुछ दूर पहुंचे थे कि उपर झूल रहा 11 हजार वोल्ट वाला तार अचानक टूट कर उनकी गाय पर गिर पड़ा। करंट से गाय तड़पने लगी। यह देख उसे बचाने के लिए दौड़े। इस दौरान वे भी तार की चपेट में आकर झुलस गए। दोनों को करंट लगा देख गांव के कैलाश प्रसाद, विश्वकर्मा प्रसाद के साथ ही आस पास के अन्य लोग बचाने के दौड़ कर पहुंचे लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

आक्रोशित लोगों ने शव को घंटो रोके रखा, जेई पर लापरवाही का आरोप :

घटना की सूचना मिलते ही रसूलपुर थानाध्यक्ष रामसेवक रावत , एकमा के सीओ सुशील कुमार मिश्रा घटना स्थल पर पहुंचे। लेकिन लोगों ने शव नहीं उठने दिया। वे बिजली विभाग के अधिकारियों पर आक्रोशित थे। लोगों ने बिजली विभाग के कर्मियों व अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। घंटों शव को रोके रखा। लोगो को कहना था कि गांव में बिजली के पुराने व जर्जर तार को बदलने को लेकर कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों को आवेदन दिया गया। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। लोगों ने कहा कि एकमा जेई गौतम कुमार की लापरवाही के कारण ऐसे घटना हो रही है। लोगों के शांत होने पर रसूलपुर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल छपरा भेजा ।

शादी समारोह में शामिल होने के लिए मायके गई थी पत्नी :

सूरत लाल की पत्नी सुंदरा देवी अपने मायके में एक शादी समारोह में शामिल होने दाउदपुर थाना क्षेंत्र के बरवां गांव गई थी। पति की मौत की खबर मिलते ही वह बदहवास हो बिलखते हुए गांव पहुंची। पति का शव देखते ही चित्कार कर उठी। स्थानीय लोगों ने बताया कि मृतक के तीन पुत्र हैं और तीन रोजी रोटी के सिलसिले में बाहर रहते है। जानकारी मिलने परमुखिया प्रतिनिधि रंजीत कुमार यादव वहां पहुंचे। कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार रुपये की सहायता प्रदान की। सीओ सुशील कुमार ने सरकारी प्रावधानों के तहत संभव सरकारी सहायता राशि दिलाने का आश्वासन दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.