या हुसैन या हुसैन की सदा से गूंज उठा शहर
चेहल्लुम के अवसर पर कर्बला के 72 शहीदों की याद में रविवार को शहर में मातमी जुलूस निकाला गया। मातमी जुलूस शहर के दहियावां स्थित अंजुमन-ए-असगरया अंजुमन-ए-जाफरया अंजुमन-ए-अब्बासिया के तत्वाधान में स्व त़की नवाब साहब के अजाखाना से निकलकर बड़ा इमामबाड़ा छोटा इमामबाड़ा फातमी इमामबाड़ा शिया मोहल्ला महमूद चौक थाना चौक जामा मस्जिद मौना चौक होता हुआ छोटा तेलपा तकया कर्बला पहुंचा।
जासं छपरा : चेहल्लुम के अवसर पर कर्बला के 72 शहीदों की याद में रविवार को शहर में मातमी जुलूस निकाला गया। मातमी जुलूस शहर के दहियावां स्थित अंजुमन-ए-असगरया, अंजुमन-ए-जाफरया, अंजुमन-ए-अब्बासिया के तत्वाधान में स्व त़की नवाब साहब के अजाखाना से निकलकर बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, फातमी इमामबाड़ा, शिया मोहल्ला, महमूद चौक, थाना चौक, जामा मस्जिद, मौना चौक होता हुआ छोटा तेलपा तकया कर्बला पहुंचा। इस दौरान सभी चौक-चौराहो पर बच्चे, बूढ़े, जवान सभी कर्बला के 72 शहीदों की याद में जंजीरी मातम कर अपने को लहूलुहान किये हुए थे। जुलूस में कर्बला के शहीद ह•ारत इमामहुसैन अ स का ताबूत, उनके छोटे भाई ह•ारत अब्बास अ स, अलम-ए-मुबारक और कर्बला के सबसे छोटे शहीद 6 माह के दुधमुंहा बच्चा अली असगर का पालना (झूला) भी था। असिराने कर्बला का काफिला कर्बला-ए-मोअल्ला पहुंचा। काफला के पहुंचते ही कण-कण में मातम का शोर गूंजने लगा। मौलाना ने अपनी त़करीर में कहा कि ह•ारत इमामहुसैन अ स ताउम्र इंसाफ के लिए लड़ते रहे। उन्होंने कहा कि इमामहुसैन घर अपना मदीना छोर दिया। नाना ह•ारत मोहम्मद-ए-मुस्तफा के कदम अर्श पर पड़े तो अर्श-ए-मोअल्ला हो गया और नाती हुसैन के कदम कर्बला पर पड़े तो कर्बला -ए-मोअल्ला हो गया। जुलूस में गुलाम पंजतन, •ा़फर अब्बास डॉ अस्करी राजा, शकील हैदर, जॉली, तारा भाई, गुड्डू, शौकत अली, काजिम र•ा, मसूद रि•ावी
आदि ने अपना अपना कलाम पढ़ कर मातम कराया। इस अवसर पर दूर दराज से आए लोगो ने सैकड़ो की संख्या में जंजीरी मातम कर अपने आप को कर्बला के 72 शहीदों की याद में शामिल किया। इस अवसर पर ह•ारो की तादाद में लोग स्थित थे।