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सोन में दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से अधिकारियों को किया गया अलर्ट

पिछले दो दिनों में सारण से गुजरने वाली सभी नदियों का जलस्तर स्थिर रहा। वहीं घाघरा नदी के जल स्तर में कमी आई है। लेकिन लेकिन सोन नदी में इंद्रपुरी बराज से दो लाख क्युसेक पानी छोड़े जाने के बाद से एक बार फिर सोन के साथ गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि की संभावना बढ़ गई है। यह पानी दो से तीन दिन बाद सोन नदी में सारण के समीप पहुंच सकता है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 10:35 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 10:35 PM (IST)
सोन में दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से अधिकारियों को किया गया अलर्ट
सोन में दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से अधिकारियों को किया गया अलर्ट

जासं, छपरा : पिछले दो दिनों में सारण से गुजरने वाली सभी नदियों का जलस्तर स्थिर रहा। वहीं घाघरा नदी के जल स्तर में कमी आई है। लेकिन लेकिन सोन नदी में इंद्रपुरी बराज से दो लाख क्युसेक पानी छोड़े जाने के बाद से एक बार फिर सोन के साथ गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि की संभावना बढ़ गई है। यह पानी दो से तीन दिन बाद सोन नदी में सारण के समीप पहुंच सकता है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। डीएम सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि बाढ़ को लेकर सभी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया है। जो भी कोताही बरतेंगे उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले से जिन क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, उसे छोड़ कर किसी भी नये क्षेत्र में बाढ़ का पानी नहीं आया हैं। सोन नदी का जलस्तर बढने पर गंगा नदी का जल स्तर बढने का खतरा है। जल स्तर बढ़ जाने की आशंका को देखते हुए इससे निपटने के लिए सभी अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है। सरयू नदी के जल स्तर में कमी आयी है। गंडक नदी खतरे के निशान से नीचे है। गंगा नदी का पानी छह सेंटीमीटर कम हुआ है। डीएम ने बताया कि मध्यप्रदेश के बाणसागर से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। उसके बाद इंद्रपुरी बराज से लगभग दो लाख क्यूसेक पानी सोन में छोड़ा गया हैं। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में भारी बारिश हुई है जिसका पानी आने की संभावना सोन में बढ़ गई हैं। इसको लेकर प्रशासन को भी सूचना दे दिया गया है। सभी सीओ को इलाकों की निगरानी करने और स्थिति से अवगत कराते रहने को कहा गया है।उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ टीम को भी अलर्ट कर दिया गया। साथ ही राहत शिविर को भी चिन्हित किया गया है। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नाव वगैरह की भी व्यवस्था की गई है। बताते चलें कि गंगा व सोन में पानी बढ़ने के कारण दो वर्ष सारण जिला के लोग भयानक बाढ़ की त्रासदी झेल चुके हैं। उसे याद कर लोग पानी छोड़े जाने की सूचना से काफी दहशत में हैं।

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