गंगा व सरयू नदी के दियारा में कुख्यात फौजिया की हत्या
गंगा सरयू तथा सोन नदी के दियारा क्षेत्र में रंगदारी की लड़ाई में कुख्यात शंकर सिंह उर्फ फौजिया की गला रेतकर हत्या कर दी गयी। उसका शव रविवार की सुबह रिविलगंज थाना के दरोगा राय के डेरा दियारा क्षेत्र से बरामद किया गया। सारण तथा भोजपुर जिले की सीमावर्ती इलाके में गंगा तथा सरयू नदी के बीच दरोगा राय के डेरा पर हुई हत्या की घटना के बाद दोनों जिले की पुलिस टीम वहां पहुंची।
जासं, छपरा : गंगा, सरयू तथा सोन नदी के दियारा क्षेत्र में रंगदारी की लड़ाई में कुख्यात शंकर सिंह उर्फ फौजिया की गला रेतकर हत्या कर दी गयी। उसका शव रविवार की सुबह रिविलगंज थाना के दरोगा राय के डेरा दियारा क्षेत्र से बरामद किया गया। सारण तथा भोजपुर जिले की सीमावर्ती इलाके में गंगा तथा सरयू नदी के बीच दरोगा राय के डेरा पर हुई हत्या की घटना के बाद दोनों जिले की पुलिस टीम वहां पहुंची। घटना स्थल सारण जिले में होने के बाद रिविलगंज थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस का कहना है कि आपसी वर्चस्व की लड़ाई में यह हत्या की गई है।
बताया जाता है कि गंगा, सोन तथा सरयू नदी के दियारा क्षेत्र में बालू वाहक नावों तथा मछुआरों से शंकर सिंह उर्फ फौजिया के गिरोह के लोग रंगदारी वसूलते हैं। इसको लेकर दूसरे अपराधी गिरोह से तनातनी चलती रहती थी। इसी को लेकर वारदात को अंजाम दिए जाने की आशंका पुलिस जता रही है।
एके 47 लेकर सेना से हुआ था फरार
फौजिया भोजपुर जिले के बरहरा थाना क्षेत्र के फरना गांव का रहने वाला था। वह सेना की नौकरी छोड़ एके 47 लेकर फरार हो गया था। सारण, पटना और भोजपुर जिले के दियारा क्षेत्रों में उसका लंबे समय से आतंक कायम था। उसपर कई संगीन मामले दर्ज हैं। एसटीएफ की मुठभेड़ से बच निकला था फौजी
कुछ वर्ष पहले मनेर के दियारा इलाके में पटना के एसएसपी मनु महाराज और एसटीएफ की टीम के साथ हुए मुठभेड़ के बाद फौजिया भाग निकला था । उस घटना में कई अपराधियों को पुलिस ने मार गिराया था। पटना पुलिस को फौजी की तलाश थी। फौजी ने अपना ठिकाना लगातार दियारे में ही बना रखा था । गैंगवार में कई अपराधियों के मारे जाने के बाद फौजिया ने बना लिया था दबदबा
दियारा क्षेत्र में रंगदारी की वसूली का यह 1980 से चल रहा है। इसको लेकर वर्ष 1998 से लेकर 2005 के बीच गैंगवार में सबसे अधिक अपराधी गंगा और सरयू नदी के दियारा क्षेत्र में मारे गए। उसके बाद से शंकर सिंह उर्फ फौजिया का वर्चस्व कायम था।