यात्रा के दौरान एक कॉल पर पहुंचेगी टीम
सारण। ट्रेन से यात्रा के दौरान अप्रिय घटना की स्थिति उत्पन्न होने पर अब डायल -1512 से भी यात्रियों क
सारण। ट्रेन से यात्रा के दौरान अप्रिय घटना की स्थिति उत्पन्न होने पर अब डायल -1512 से भी यात्रियों को मदद मिलेगी। पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन राजकीय रेलवे पुलिस को भी अब डायल-1512 से जोड़ दिया गया है । जिस तरह सिविल पुलिस डायल 100 सेवा से जुड़ी है, उसी तरह जीआरपी के जुड़ने से किसी घटना के समय यात्री 1512 नंबर मिलाकर नजदीकी स्टेशन के जीआरपी थाने-चौकी में सूचना दे सकते हैं। इसके लिए जीआरपी थाने में जियो फेंसिग तकनीक (जीएफसी) का इस्तेमाल किया जा रहा है । यात्रा के दौरान दे सकेंगे सूचना
ट्रेन में सफर करने के दौरान किसी अप्रिय घटना की सूचना 1512 नंबर पर यात्री देंगे तो, वह जीआरपी कंट्रोल रूम में दर्ज हो जाएगी। कंट्रोल रूम से जीएफसी तकनीक की मदद से सूचना और ट्रेन की लोकेशन नजदीकी जीआरपी चौकी या थाने में आगे की कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी। जीपीएस व आरएफआइडी की मदद से लोकेशन पता लगती है। लोकेशन को जानने के लिए जीपीएस व आरएफआइडी की मदद से जियो फेंसिग तकनीक एक नियत जगह को चिन्हित कर उसके आस-पास के इलाके को स्क्रीन पर गोलाकार में दर्शाती है। इससे लोकेशन बदलने पर भी सूचना मिलती रहती है। ट्रेन में डकैती, बड़ी मारपीट का मामला होगा तो, जीआरपी कंट्रोल रूम से सूचना स्टेशन, जीआरपी थाना या चौकी और लोकेशन के मुताबिक पुलिस थाने पर भेज दी जाएगी। इससे मौके पर जीआरपी के साथ ही स्थानीय पुलिस भी पहुंचेगी। नई तकनीक की मदद से रेल यात्रियों की सुरक्षा बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। यह पहल ट्रेनों में अपराध की रोकथाम में प्रभावी साबित होगी। पहले से आरपीएफ कंट्रोल का नंबर है कार्यरत
पहले से यात्रियों की सहूलियत के लिए डायल 182 नंबर कार्यरत है। इस नंबर पर यात्रियों के द्वारा काल करने पर रेलवे सुरक्षा बल के जवान मदद के लिए जाते हैं । सुरक्षा या अन्य सहायता के लिए यात्रियों को सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। आपराधिक घटनाओं के होने पर सीधे राजकीय रेलवे पुलिस को सूचना नहीं मिलती है । डायल 1512 की सुविधा बहाल हो जाने से यात्रियों को सीधे जीआरपी को सूचना देने में सहूलियत होगी । इस संबंध में रेल पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि जीआरपी को डायल 1512 से जोड़ दिया गया है । इस सुविधा बहाल हो जाने से यात्रियों को बेहतर सुरक्षा उपलब्ध कराना आसान हो गया है और अपराध रोकने में मदद मिल रही है।