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मिलेगा दाना- पानी तो चहचहाती रहेगी चिड़िया रानी

गर्मी में चिड़िया रानी को दाना- पानी देने के लिए स्कूली छात्र -छात्राओं को सीख दी जा रही है। ताकि इस गर्मी में चिड़ियों की जान बचाई जा सके। दैनिक जागरण के आओ डालें कुछ दाना कुछ पानी बची रहे चिड़ियों की जिदगानी अभियान के चौथे दिन बुधवार को उदय इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राओं को चिड़ियों को बचाने की शपथ दिलाई गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 11:48 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 06:22 AM (IST)
मिलेगा दाना- पानी तो चहचहाती रहेगी चिड़िया रानी
मिलेगा दाना- पानी तो चहचहाती रहेगी चिड़िया रानी

जागरण संवाददाता, छपरा : गर्मी में चिड़िया रानी को दाना- पानी देने के लिए स्कूली छात्र -छात्राओं को सीख दी जा रही है। ताकि इस गर्मी में चिड़ियों की जान बचाई जा सके।

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दैनिक जागरण के आओ डालें कुछ दाना कुछ पानी, बची रहे चिड़ियों की जिदगानी अभियान के चौथे दिन बुधवार को उदय इंटरनेशनल स्कूल के

छात्र-छात्राओं को चिड़ियों को बचाने की शपथ दिलाई गई। स्कूली छात्र-छात्राओं ने मिट्टी के बर्तन में पानी लेकर शपथ ली। चिड़ियों की चहचहाहट को बरकरार रखने के लिए शुरू किये गये इस मुहिम को बच्चों का पूरा सहयोग मिल रहा है। शपथ के बाद बच्चों को संबोधित करते हुए उदय इंटरनेशन स्कूल के निदेशक विकास कुमार सिंह ने कहा कि चिड़िया मानव जीवन की रक्षा के लिए बहुत जरूरी है। हम उसे दाना-पानी देते हैं तो इसकी रक्षा के साथ ही हमरी भी सुरक्षा कई प्रकार के कीट-पतंगे से होती है। चिड़िया को चहचहाने के लिए दाना-पानी देना जरूरी है। गौरैया घरेलू पक्षी है, वह अबादी वाले जगहों पर ही रहती है। पर्यावरण सुरक्षा के लिए पेड़-पौधे, पशु एवं पक्षियों को बचाने की जिम्मेवारी हमारी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ग्लोबल वार्मिग के कारण वर्षा बहुत कम हो रही है। इसके कारण तालाब एवं पोखर में पानी सूख जा रहे हैं। गर्मी में जब तापमान 40 डिग्री से ज्यादा है तो पक्षी दाना -पानी की तलाश में कई किलोमीटर तक उड़ान भरते हैं। ऐसे में बहुत पक्षी मर जाते है, और कुछ दोबारा नहीं लौट पाते। जब उन्हें आस-पास ही दाना -पानी मिल जाएगा तो इन पंछियों की जान बचाई जा सकती है। उसके लिए हमें जिम्मेवारी के साथ अपने छत पर बर्तन में पानी एवं दाना रखना चाहिए। प्राचार्य वर्तिक भागवत ने कहा कि पार्यावारण असंतुलन से हमारे जीवन में बहुत सारे परिवर्तन हो रहे हैं। जलवायु परिवर्तन उन्हीं में एक है। जल, वायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी पर मौसम परिवर्तन होता है। मौसम से बहुत लाभ है। वर्षा के जल से फसल मजबूत होती है। सभी जीवधारी को मौसम एवं जल की जरूरत होती है। इसमें चक्रवात, तेज तूफान, अत्यधिक बारिश एवं सूखा से नुकसान भी है। उसके लिए नियंत्रण के पेड़-पौधा पशु - पक्षी की बहुलता जरूरी है। लेकिन गर्मी में पानी एवं दाना के अभाव में चिड़ियों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इसलिए भूखे-प्यासे पक्षियों की जान बचाने की जरूरत है। इसलिए हम शपथ लें इस बार गर्मी में अपने छत एवं आंगन में बर्तन में दाना -पानी रखेंगे ताकि चिड़ियों की जान बच सके।

इस मौके पर मुन्नी श्रीवास्तव, डॉली वाला सहाय, नीतू कुमारी, पूजा गौतम, पूजा तिवारी, सिमरन तिवारी अरूण राय, अनुराग कुमार मिश्रा, रूपेश कुमार सिंह, नीढू गुप्ता, रुखसार आलम, पूजा कुमारी, रिकी कुमारी, अनामिका श्रीवास्तव, अवनीश यादव आदि मौजूद थे।


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