लंबित परीक्षा पर ध्यान दें छात्र, बहकावे में नहीं आएं
नए साल में शेष बचे कॉलेजों का नैक मूल्यांकन करा लेने पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय का फोकस रहेगा। इसके साथ ही शैक्षणिक सत्रों को नियमित करने तथा परीक्षा का बैकलॉग पूरा करा लेने पर ध्यान दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, छपरा : नए साल में शेष बचे कॉलेजों का नैक मूल्यांकन करा लेने पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय का फोकस रहेगा। इसके साथ ही शैक्षणिक सत्रों को नियमित करने तथा परीक्षा का बैकलॉग पूरा करा लेने पर ध्यान दिया जाएगा। इस कार्ययोजना को लेकर विवि प्रशासन ने काम करना शुरु कर दिया है। हालांकि पिछले दिनों निगरानी जांच के कारण विवि को बड़ी फजीहत झेलनी पड़ी है, लेकिन फिलहाल बड़ी तत्परता के साथ कार्ययोजना को मूर्तरूप देने पर काम चल रहा है। इस बीच परिसर में लगातार हो-हल्ला, हंगामा और तोड़फोड़ के प्रयासों से अधिकारियों व कर्मियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इससे कार्यालयों में काम बाधित होता ही है साथ छात्रों को भी सफर करना पड़ रहा है।
16 कॉलेजों का बाकी है नैक मूल्यांकन
विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कुल 21 अंगीभूत कॉलेजों में अब तक केवल 5 का ही नैक मूल्यांकन कराया जा सका है। शेष 16 कॉलेजों का नैक मूल्यांकन कराना बाकी है। प्रोवीसी डॉ अशोक कुमार झा ने बताया कि नये साल में विश्वविद्यालय के शेष बचे कॉलेजों के नैक मूल्यांकन पर फोकस करेगा। ऐसा नहीं होन से कॉलेजों और विश्वविद्यालय का नुकसान हो रहा है। बैकलॉग परीक्षा को पूरा करना है टास्क
विश्वविद्यालय प्रशासन विभिन्न सत्रों के लंबित परीक्षाओं को शीघ्र पूरा कराने के टास्क पर काम कर रहा है। इसके लिए परीक्षा मंडल की बैठक बुला कर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। प्रोवीसी ने बताया कि स्नातक पार्ट-वन के बैकलॉग परीक्षा सत्र- 2015-18 एवं 2016-19 की परीक्षा हो चुकी है। इसके साथ ही सत्र-2017-20 के पार्ट-वन की परीक्षा भी ली जा चुकी है। लेकिन बैकलॉग परीक्षा में फेल अथवा प्रमोटेड छात्रों के लिए समस्या उत्पन्न हो रही है। विवि प्रशासन इसके समाधान की दिशा में तत्परता से काम शुरू कर दिया है। प्रमोटेड छात्रों के लिए राजभवन से प्रयास
पिछड़ गए स्नातक पार्ट-वन के शैक्षणिक सत्र- 2015-18 एवं 2016-19 के प्रमोटेड या फेल छात्रों को मौका देने के लिए परीक्षा मंडल ने निर्णय ले लिया है और राजभवन से आदेश प्राप्त कर विशेष परीक्षा आयोजित करने का प्रयास किया जा रहा है। इन छात्रों के लिए परेशानी यह हो रही है कि उन्हें सत्र- 2017-20 की पार्ट-वन परीक्षा में मौका मिलना चाहिए था। वह नहीं मिल सका। उसकी परीक्षा हो चुकी है तब इनका परिणाम आ सका है। ऐसे में विशेष परीक्षा के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं दिख रहा है। विवि प्रशासन इसके निदान का प्रयास शुरू कर दिया है। करीब 40 हजार छात्रों को मिलेगा मौका
जेपीयू में विशेष परीक्षा के इस प्रयास से इन दोनों सत्रों के करीब 40 हजार फेल एवं प्रमोटेड छात्रों को पुनर्परीक्षा में सम्मिलित होने का मौका मिलेगा। विवि प्रशासन ने इसके लिए राजभवन से अनुमति लेने की कवायद शुरू कर दी है। यदि यह अनुमति मिल जाती है तो संभवत: इस माह के अंत या अगले माह के पहले सप्ताह में विशेष परीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी जा सकती है। विवि प्रशासन के इस फैसले से इन दोनों शैक्षणिक सत्रों के प्रभावित छात्रों में संतोष की लहर देखी जा रही है। कहते है कुलपति
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सुधार की दिशा में लगातार काम किए जा रहे हैं। छात्रहित में हम कड़े कदम भी उठा रहे हैं। हर हाल में विवि के अनुशासन को बनाये रखने की दिशा में काम होगा। इसकी अनदेखी करने वाले दंडित भी किये जा सकते हैं। छात्रों से भी अपील है कि वह किसी भी बहकावे में न आकर अपनी लंबित परीक्षा की तैयारी पर ध्यान दें, उससे ही उनको लाभ मिलेगा।
-डॉ. हरिकेश ¨सह
कुलपति, जेपीयू, छपरा।