इंटर प्रैक्टिकल का प्रवेश पत्र लेने को उमड़ी भीड़
इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा का प्रवेश पत्र लेने के लिए गुरुवार को कॉलेजों में छात्रों की भीड़ लगी रही। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने प्रैक्टिकल एग्जाम को ले भी प्रवेश पत्र जारी किया है। जयप्रकाश महिला कॉलेज में ज्यादा भीड़ थी।
जागरण संवाददाता, छपरा : इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा का प्रवेश पत्र लेने के लिए गुरुवार को कॉलेजों में छात्रों की भीड़ लगी रही। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने प्रैक्टिकल एग्जाम को ले भी प्रवेश पत्र जारी किया है। जयप्रकाश महिला कॉलेज में ज्यादा भीड़ थी। कॉलेज प्रशासन ने दो काउंटर खोल दिया था। जेपीएम कॉलेज के अलावा जगदम कॉलेज, राजेंद्र कॉलेज, पीसी साइंस कॉलेज, रामजयपाल कॉलेज एवं गंगा ¨सह में परीक्षार्थियों की लंबी कतार थी। कॉलेज प्रशासन ने बीएसईबी के वेबसाइट से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर परीक्षार्थियों को दिया। कई परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र जारी नहीं किया गया है। ऐसे कई छात्र जेपीएम कॉलेज एवं जगदम कॉलेज में भटक रहे थे। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि जिन परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र नहीं आया है। वे पूर्व में इंटर टेस्ट एग्जाम मे मिले डमी प्रवेश पत्र का फोटो कॉपी जमा करेंगे तो बोर्ड को इसकी सूचना भेजी जा जाएगी, उसके बाद इंटर का प्रवेश पत्र मिलेगा। इनसेट :
154 केंद्रों पर 15 से शुरू होगा प्रैक्टिकल एग्जाम
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छपरा : जिले के 154 परीक्षा केंद्रों पर 15 से 25 जनवरी तक इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा होगी। इसके लिए उत्तर पुस्तिका एवं रौल शीट बीएसईबी ने डीईओ कार्यालय में भेज दिया है। डीईओ कार्यालय के परीक्षा विभाग में गुरुवार से इसका वितरण किया जा रहा है। परीक्षा विभाग के लिपिक साबीर अली एवं मो. नईम ने कॉलेज के कर्मियों को कापी एवं अन्य सामग्री दी। उल्लेखनीय हो कि इस बार बीएसईबी होम सेंटर पर ही प्रैक्टिकल परीक्षा ले रही है। लेकिन एक्सटर्नल एवं इनटर्नल की भी नियुक्त जिला स्तर पर की गयी है। इनसेट :
गंगा ¨सह विधि कॉलेज के निधन पर शोक सभा
छपरा : गंगा ¨सह कॉलेज में महाविद्यालय के संस्थापक सह विधि विभाग के शिक्षक देवदास चक्रवर्ती के असामयिक मृत्यु पर गहरी संवेदना व्यक्त की गई। प्राचार्य डा. इंदु ¨सह की अध्यक्षता में हुई श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने कहा कि देवदास चक्रवती विद्वान शिक्षक थे। कॉलेज के स्थापना काल से जुड़े थे। इस महाविद्यालय में 1967 में जब विधि की पढ़ाई शुरू हुई तो वह पढ़ाने के लिए उनकी नियुक्ति की गई थी। इस मौके पर डा. अशोक कुमार, डा.जयराम ¨सह, प्रो. हरिकेश कुमार यादव, प्रो. पुनित कुमार पांडेय, प्रो. अभिषेक चुतर्वेदी, प्रो. नलीन रंजन, डा. चेतना, डा. कुमकुम, डा. सुमन लता, अनिल कुमार ¨सह, अशोक कुमार ¨सह, रत्नेंश प्रसाद¨सह, प्रभात कुमार ¨सह, अनिल प्रसाद, अभय रंजन, आदि मौजूद थे।
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युवा संसद को ले प्रारंभिक चयन सीनेट हॉल में 17 से
छपरा: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में युवा संसद की प्रारंभिक चयन प्रक्रिया 17-19 जनवरी तक की जाएगी। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने राजेंद्र कॉलेज के एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी अनुपम कुमार ¨सह एवं तनुका चटर्जी को नोडल आफिसर बनाया है। युवा संसद में 18 से 25 वर्ष के युवक -युवती भाग ले सकते हैं। नोडल आफिसर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात की संकल्पना को महसूस करके राष्ट्रीय सेवा योजना युवा संसद का आयोजन कर रही है। यह जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होगी। जिसका शीर्षक है - नए भारत की आवाज। इसमें डिजिटल एवं इंटरव्यू के माध्यम से चयन किया जाएगा। 12 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर पर पोर्टल लंच किया जाएगा। इनसेट :
कॉलेज के आतंरिक स्रोत की राशि खर्च होगी वेतन पर
छपरा : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को अब ससमय वेतन मिल सके गा। क्योंकि सरकार ने कॉलेज के आंतरिक स्रोत से प्राप्त राशि का 70 फीसदी शिक्षक -शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करने का निर्देश दिया है। संबद्ध कॉलेज शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधि मंडल ने कुलाधिपति से मिलकर संबंद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षकों की समस्या से अवगत कराया था। जिसमें स्नातक परीक्षाओं के उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन कार्य से शिक्षकों को संचित करने, संबंद्ध डिग्री महाविद्यालय को मिलने वाली अनुदान राशि को नैक मूल्यांकन से जोड़ने, शिक्षकों एवं कर्मियों की सेवा पुस्तिका का संधारण करने, पेंशन भविष्य निधि के साथ सामूहिक जीवन बीमा की सुविधा बहाल करने, अंगीभूत महाविद्यालयों की भांति संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में भी आनलाइन नामांकन में सीट वृद्धि करने की मांग की गई है। महामहिम ने इस दिशा में सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर प्रो. पीएन पी ¨सह, प्रो. मुसाफिर प्रसाद शर्मा, प्रो. वीरभान राय, प्रो. इस्तेयाक अहमद, प्रो.कवींद्र नाथ ओझा, डा. दशरथ प्रसाद, प्रो. भगवान पांडेय, प्रो. जनार्दन प्रसाद, प्रो. किशोर पांडेय आदि मौजूद थे।