sonpur mela: सोनपुर मेले में खुली ‘रंगीन मछलियों की जादुई सुरंग’, पर्यटक हुए मंत्रमुग्ध
सोनपुर मेले में 'रंगीन मछलियों की जादुई सुरंग' पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण है। रंग-बिरंगी मछलियों से भरी यह सुरंग दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रही है। दूर-दूर से आए पर्यटक इस अनोखे अनुभव का आनंद ले रहे हैं और मछलियों की सुंदरता में खो गए हैं।

सोनपुर मेला में अंडरवाटर फिश टनल
संवादसूत्र, नयागांव, सारण। एशिया फेम हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला इस वर्ष रोमांच और खोजपूर्ण अनुभवों का नया आयाम बनकर उभरा है। आस्था और परंपरा के साथ अब यहां पानी की रहस्यमयी दुनिया का आकर्षण भी जुड़ गया है। मेले के डिजनीलैंड परिसर में स्थापित अंडरवाटर फिश टनल दर्शकों को उस अद्भुत जल-संसार में ले जा रही है, जिसे लोग अब तक केवल टीवी चैनलों और डाक्यूमेंट्री में देखते आए थे। कांच से बनी पारदर्शी सुरंग में चलते हुए आगंतुकों के चारों ओर रंग-बिरंगी मछलियां तैरती नजर आती हैं, जिससे अनुभव होता है मानो किसी समुद्री गुफा में प्रवेश कर लिया हो।
टनल का प्रवेश द्वार ही अपने अनोखे सौंदर्य से लोगों को आकर्षित करता है। नीली रोशनी, जलपरी थीम से सजाया गया गलियारा और हल्का संगीत इस 'जलीय यात्रा' को रोमांचक बना देता है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी इस आकर्षक सेटअप में खो जाते हैं और बार-बार इसे देखने की इच्छा करते हैं।
दुर्लभ प्रजातियों वाली मछलियों ने जीता दिल
टनल में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पाई जाने वाली मछलियों का संग्रह है, जिन्हें देखने के लिए आमतौर पर लोगों को बड़े एक्वेरियम पार्कों या विदेशों की यात्रा करनी पड़ती है। यहां सजी प्रमुख प्रजातियों में गोल्ड फिश, लाल-नारंगी पंखों वाली ड्वार्फ मछली, दक्षिण-पूर्व एशिया की टाइगर आस्कर, डाक्टर फिश के नाम से मशहूर टेंच, अमेरिकी पिरान्हा, एशियन कैट फिश, अमेरिकी गार फिश, मनमोहक ज़ेबरा फिश, सिल्वर डॉलर फिश और चमकदार टिनफोइल फिश शामिल हैं।
सुरंग की कांच की दीवारों से बस कुछ इंच की दूरी पर तैरती ये मछलियां आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। कई लोग इसे अपने जीवन का सबसे अनोखा और शिक्षाप्रद अनुभव बताते हैं। खास बात यह कि मात्र 50 रुपये के टिकट पर आगंतुक इस टनल का आनंद ले रहे हैं। भीतर बने सेल्फी प्वाइंट पर लोग लगातार फोटो और वीडियो बनाकर यादगार लम्हों को संजो रहे हैं।
टनल से बाहर निकलने वाले लोगों की प्रतिक्रियाओं में उत्साह साफ झलकता है। किसी ने इसे मेले का सबसे आकर्षक बताया तो किसी ने कहा कि ऐसा अनुभव हमने सिर्फ फिल्मों में देखा था, आज पहली बार वास्तविक रूप में मिला। बच्चों के लिए यह किसी कल्पनालोक जैसा और बड़ों के लिए प्रकृति के करीब ले जाने वाला अनुभव साबित हो रहा है।
एडवेंचर, मनोरंजन और संस्कृति—एक ही जगह
अंडरवाटर टनल के आगे बढ़ते ही मेले का उत्साह और बढ़ जाता है। बच्चों और युवाओं से भरे जाइंट व्हील, ब्रेक डांस, मिकी माउस ट्रेन, स्विंग राइड जैसे झूले देर रात तक चलते रहते हैं। हारर हाउस, मिरर मेज़ और थीम आधारित डिज़्नीलैंड गतिविधियां भी दर्शकों की भीड़ को आकर्षित कर रही हैं। एडवेंचर प्रेमियों के लिए स्काई जंप, ट्रैम्पोलिन, रोलर राइड जैसे रोमांचक इंतज़ाम किए गए हैं। वहीं किड्स ज़ोन में छोटे बच्चों के लिए विशेष मिनी झूले, कार्टून शो और बाल-हाउस लगातार लोकप्रिय हो रहे हैं।
मेले में पारंपरिक लोक-संस्कृति की छटा भी पूरे शबाब पर है। सड़क किनारे बैठे लोक कलाकार बांसी वादन, मगही-भोजपुरी गीत और डमरू वादन से पर्यावरण को लोक-सुगंध से भर देते हैं। खाने-पीने के शौकीनों के लिए लगी चाट, लिट्टी-चोखा, कुल्हड़ दूध, रसगुल्ला और बंगाली मिठाइयों की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ रही है।
मेले के आयोजकों के अनुसार इस साल सुरक्षा व्यवस्था, स्वच्छता और प्रकाश व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके कारण रात 10 बजे के बाद भी बड़ी संख्या में लोग मेले का आनंद ले रहे हैं। पर्यटक इसे सोनपुर मेले के सबसे मनोरंजक और यादगार संस्करणों में से एक मान रहे हैं। अंडरवाटर फिश टनल की सफलता ने मेले के आकर्षण को एक नया आयाम दिया है, जिससे यह न केवल मनोरंजन बल्कि सीख और अद्भुत अनुभवों का केंद्र भी बन गया है।

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