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वित्तीय अनियमितता के आरोप में जेपीयू के कुलपति से शो काज

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितता व कालेजों के नवसंबद्धता मामले में कुलपति से शो काज किया गया है। इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी जांच भी कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 04:08 PM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 04:08 PM (IST)
वित्तीय अनियमितता के आरोप में जेपीयू के कुलपति से शो काज
वित्तीय अनियमितता के आरोप में जेपीयू के कुलपति से शो काज

जागरण संवाददाता, छपरा: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितता व कालेजों के नवसंबद्धता देने के गड़बड़ी के आरोप में राजभवन ने कुलपति प्रो. (डा.) फारूक अली से शो काज किया है। राजभवन के संयुक्त सचिव राज कुमार सिन्हा ने पत्र भेजा है। कुलपति से पत्र प्राप्त होने के सात दिनों के अंतद जवाब मांगा गया है।

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मामले में राजभवन ने जून में कालेजों के नवसंबद्धता को ले भेजे गए प्रस्ताव में गड़बड़ी मिलने पर विश्वविद्यालय निरीक्षक(विज्ञान) डा. अमरेंद्र कुमार झा एवं विश्वविद्यालय निरीक्षण (कला) डा. आरपी श्रीवास्तव से शो काज करते हुए जवाब-तलब किया था। कुलपति से शो काज की कार्रवाई भी कुलसचिव प्रो. रवि प्रकाश बबलू के जांच प्रतिवेदन (संख्या-4644(आर) दिनांक 19 जून 21) पर राजभवन ने किया है। राजभवन के एक्शन मोड़ में आने से मची खलबली

राजभवन ने पिछले दिनों गोपालगंज के वार्ड संख्या एक के निवासी रंजन कुमार के परिवाद पर राजभवन में संविदा व दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को लाखों अग्रिम देने की शिकायत की गई थी। इस पर राजभवन ने कुलसचिव डा. रवि प्रकाश बबलू से रिपोर्ट तलब किया था। जेपीयू के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मी को कई लाख रुपये अग्रिम देने व कालेज के नव संबद्धता देने के मामले में कुलसचिव की रिपोर्ट पर राजभवन गंभीर हो गया है। इससे खलबली मची हुई है। ------------

नवसंबद्धता कालेजों की रिपोर्ट में भी गड़बड़ी का मामला पकड़ाया

जेपी विश्वविद्यालय से नवसंबद्ध आठ कालेजों की रिपोर्ट में भी गड़बड़ी का मामला पकड़ में आया है। इसमें छपरा के एक कालेज की जमीन के कागज में हेराफेरी करने का मामला पकड़ में आया है। हाई स्कूल की जमीन के कागज को टेंपरिग कर कालेज का नाम लिखकर संबद्धता के लिए जमा किया गया था। इसे बिना जांच किए हैं विश्वविद्यालय की कमेटी ने संबद्धता को भेज दिया। राजभवन एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जांच में यह मामला पकड़ में आ गया। इस पर राजभवन ने पूरे नव संबद्धता वाले कालेजों की पुन जांच कर रिपोर्ट देने एवं दोषियों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है। इसके बाद शो काज किया गया है। नये आरोपों की जांच राजभवन की तीन सदस्यी कमेटी को सुपुर्द

जेपी विश्वविद्यालय में हुए नये प्रशासनिक व वित्तीय अनियमिता की जांच भी राजभवन ने पूर्व में गठित तीन सदस्यीय कमेटी को सौंपी गई है। यह कमेटी पहले से कुलपति प्रो. फारूक अली पर लगे 71.70 करोड़ के वित्तीय लेनदेन (एक दिसंबर 2020 से लेकर 31 जनवरी 2021) की जांच कर रही है। राजभवन के तीन सदस्यीय जांच कमेटी में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रसाद सिंह अध्यक्ष हैं। सदस्य के रूप में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरिश कुमार चौधरी व कामेश्वर प्रसाद सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के वित्तीय सलाहकार सदस्य है। मामले में कुलपति के वित्तीय, प्रशासनिक व नीतिगत निर्णय लेने पर पहले से ही रोक है। अब राजभवन ने नये प्रशासनिक व वित्तीय अनियमितता की जांच भी इसी कमेटी को सौंप दी है।

राजभवन ने शिक्षा सचिव को जांच करने को भेजा पत्र

जेपी विश्वविद्यालय में कालेजों के नवसंबद्धता में अनियमितता की जांच शिक्षा विभाग भी अपने स्तर से करगा। इस संबंध में राजभवन के संयुक्त सचिव राज कुमार सिन्हा ने शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र भेजा है। उसमें कहा गया है कि जेपी विश्वविद्यालय में कालेजों के नवसंबद्धता मामले में गलत रिपोर्ट भेजी गई है। रंजन कुमार के परिवाद के बाद कुलसचिव से राजभवन ने रिपोर्ट मांगी थी।

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- कालेज इंस्पेक्टर कला व विज्ञान से पूर्व में पूछा जा चुका है स्पष्टीकरण

- वित्तीय आरोपों की जांच भी कर रही तीन सदस्यीय कमेटी

- कुलपति की बढ़ी परेशानी, बड़ी कार्रवाई की बढ़ रही संभावना


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