एक सप्ताह से महाजाम, सरकारी तंत्र फेल
छपरा-पटना मुख्य मार्ग पर चलना इन दिनों किसी चुनौती से कम नहीं। यह पथ एक जनवरी से ही जाम है। लेकिन इतने दिनों में भी प्रशासन को उधर झांकने की फुरसत तक नहीं है। ऐसा लगता है जैसे सरकारी तंत्र ने जाम को नियति मान लिया है। उसके आगे सरेंडर कर दिया है।
संसू, डोरीगंज: छपरा-पटना मुख्य मार्ग पर चलना इन दिनों किसी चुनौती से कम नहीं। यह पथ एक जनवरी से ही जाम है। लेकिन इतने दिनों में भी प्रशासन को उधर झांकने की फुरसत तक नहीं है। ऐसा लगता है जैसे सरकारी तंत्र ने जाम को नियति मान लिया है। उसके आगे सरेंडर कर दिया है। लेकिन जाम के कारण जनजीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं तो कर्मी अपने ड्यूटी पर। कई बार तो एम्बुलेंस में मरीज घंटों तड़पते रहते हैं लेकिन उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता नहीं मिल पाता। जाम के कारण बिहार राज्य पथ परिवहन की बसें भी रूट बदलकर चल रही हैं।
जाम के कारण अधिकतर वाहनों ने अपना रूट बदल दिया है। महज 12 किमी की यात्रा करने में लोगों को 4-6 घंटे लग रहे हैं। वह भी मुख्य सड़क से नहीं। लेकिन प्रशासन चैन की नींद सोया है।
लोगों का कहना है कि भोजपुर से बालू लेकर चलने वाले ट्रकों की संख्या काफी अधिक हो गई है। यूपी के ट्रक भी बालू के लिए पहुंच रहे हैं। सड़क पर अचानक बढ़ी ट्रकों की भीड़ ने आवागमन व्यवस्था एक तरह से ध्वस्त कर दी है।
इसके अलावा छपरा में प्रखंड कार्यालय के पास रेलवे क्रॉ¨सग, नेवाजीटोली चौक एवं बाजार समिति टर्निंग स्थल भी जाम के मुख्य कारण हैं। इन सभी जगहों पर वाहनों के परिचालन में गतिरोध पैदा होता है। इसके अलावा बलिया की ओर से आनेवाले वाहनों को भी काफी परेशानी हो रही है। जयप्रभा सेतु पर तक ट्रकों की लंबी लाइन लगी है।
जाम से प्रभावित क्षेत्र
जाम के कारण सदर प्रखंड के पूर्वी तेलपा, शेरपुर, विष्णुपुरा, खलपुरा, महाराजगंज, चिरांद, भैरोपुर निजामद, जलालपुर, डूमरी, मुस्सेपुर, रायपुर ¨बदगांवा, कोटवापट्टही रामपुर, बरहारा महाजी, गरखा प्रखंड के कोठेया, मौजमपुर, नरावं, दिघवारा प्रखंड के झौवां, आमी के अलावा भोजपुर के दर्जनों पंचायत के लोग परेशान हैं। इससे लोगों में काफी गुस्सा है। यदि शीघ्र ही प्रशासन से जाम हटाने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाया तो परेशान लोगों का गुस्सा फूट सकता है।