जहां नारी को सम्मान उसी घर में देवता का निवास : अखिलेशमणि
सारण। जिस घर में नारी को सम्मान मिलता है अथवा जहां नारी शक्ति की पूजा होती है वहीं देवत
सारण। जिस घर में नारी को सम्मान मिलता है अथवा जहां नारी शक्ति की पूजा होती है वहीं देवता का निवास होता है। इसलिए वैदिक काल से ही भारतीय संस्कृति में नारी को मान दिए जाने की परंपरा रही है। असुरी शक्तियों का संहार करने के लिए देवताओं ने मातृशक्ति का आह्वान किया था।
प्रखंड के जलालपुर हाई स्कूल के परिसर में नवरात्र के अवसर पर चल रहे 23 वें श्रीराम जन्मोत्सव के मौके पर आयोजित सत्संग समारोह में शनिवार की रात प्रवचन कर रहे संत अखिलेशमणि शांडिल्य ने श्रोताओं को सनातन धर्म में नारी शक्ति व मातृ शक्ति की महिमा बताते हुए कही।
उन्होंने कहा की नारी को लोगो ने पराधीन बना दिया है। यहां तक कि ऋषि-मुनियों ने भी नारी को नीतियों एवं मर्यादा की याद दिला कर अपने वश में रखा। उन्होंने कहा कि नारी घर की नींव होती है। आयोजन समिति के सदस्य विमल तिवारी ने कहा कि प्रवचन का कार्यक्रम प्रतिदिन दो पाली में पांच अप्रैल तक चलेगा। साधना तिवारी, निर्मला ¨सह, रवि शंकर तिवारी ,दामोदर दास उदासीन आदि प्रवचन में भाग ले रहे हैं।