एनएच तीनमुहानी पर तंबू में खतरे के बीच ड्यूटी करते हैं पुलिसकर्मी
संवाद सूत्र, गड़खा : पुलिस की लापरवाही कहीं भारी नहीं पड़ जाए। हर बार पुलिसिया रोब और मनमानी की बात सा
संवाद सूत्र, गड़खा : पुलिस की लापरवाही कहीं भारी नहीं पड़ जाए। हर बार पुलिसिया रोब और मनमानी की बात सामने आती है। लेकिन इस बार तस्वीर कुछ हटकर है। यहां पुलिस बेबस नजर आती है।
जिले की विभिन्न सड़कों पर रोजाना लग रहे जाम से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने कई स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती की है। शहरी क्षेत्र में नो-इंट्री को लागू कराने तथा ओवरलोड गाड़ियों की धर-पकड़ के लिए कई स्थानों पर पुलिस कैंप लगाया गया है।
ऐसा ही एक कैंप गड़खा थाना क्षेत्र का फुरसतपुर गांव के पास है। छपरा-मुजफ्फरपुर फोरलेन मुहाने पुलिस का तंबू लगाया गया है। लेकिन इस तीन मुहाने की वजह से पुलिसकर्मियों की जान हमेशा सांसत में फंसी रहती है। यहां चौतरफा रास्ता है, कब किधर से कोई बड़ी गाड़ी आ जाए किसी को पता भी नहीं चलता। पहले भी इस जगह पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इनके सब के बावजूद अपने उपर खतरे से बेपरवाह पुलिस जवान इस तंबू में जमे रह रहे हैं। ठिठुरन भरी सर्द अंधेरी रात में भी यह ड्यूटी में लगे रहते हैं। इन्हें आम लोगों के सुरक्षा की ¨चता तो है, लेकिन तंबू में उपलब्ध सुविधाओं को देखने से लगता है कि यह रात-दिन अपने ड्यूटी में जान जोखिम में डाल रहे हैं। इस कड़ाके की ठंड के बावजूद पुलिस जवान बीच सड़क पर ही डिवाइडर के तीनमुहाने के बीच एक तिरपाल डाल कर रहते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कभी भी यह लोग मौत के गाल में समा जा सकते हैं। ऐसे खतरनाक जगह पर इनका तंबू लगा है जहां गाड़ियों से कुचलने का हमेशा भय बना रहेगा। यहां ड्यूटी पर तैनात सिपाही संतोष कुमार एवं छोटू कुमार ने बताया कि हम लोग क्या कर सकते हैं। जिला प्रशासन के आदेश का पालन करना हमारा कर्तव्य है। हालांकि सभी कैंप में सुविधाओं की घोर कमी को दबे जुबान से कहने में भी नहीं चूकते। क्या इस गंभीर मसले पर वरीय अधिकारियों का ध्यान जाएगा। लोगों के बीच इसकी चर्चा है।