Move to Jagran APP

जिला अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर हुआ था हटाए गए 93 शिक्षकों का नियोजन

छपरा। मढ़ौरा नगर पंचायत के 93 नियोजित शिक्षकों (हाई स्कूल में 13 एवं मिडिल स्कूल में 80) के नियोजन में शुरू से ही कई पेंच फंसा था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 11:34 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 11:34 PM (IST)
जिला अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर हुआ था हटाए गए 93 शिक्षकों का नियोजन
जिला अपीलीय प्राधिकार के आदेश पर हुआ था हटाए गए 93 शिक्षकों का नियोजन

छपरा। मढ़ौरा नगर पंचायत के 93 नियोजित शिक्षकों (हाई स्कूल में 13 एवं मिडिल स्कूल में 80) के नियोजन में शुरू से ही कई पेंच फंसा था। जिसमें नियोजन इकाई से लेकर जिला अपीलीय प्राधिकारी एवं हाई कोर्ट के अलग -अलग आदेश आए है। नए आदेश में राज्य अपीलीय प्राधिकारी ने नियुक्त को अवैध करार देते हुए सेवा खत्म करने का आदेश देते हुए जितने दिनों तक कार्य किया है इतने दिनों का वेतन देने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय हो कि मढ़ौरा नगर पंचायत में यह नियुक्त वर्ष 2013 में जिला अपीलीय प्राधिकारी के आदेश पर वर्ष 2008 के आवेदन पर बैंकलॉग के आधार पर किया गया था। लेकिन इसी दौरान एक आवेदक अमोद कुमार ¨सह ने कम नंबर वाले की नियुक्त करने की शिकायत तत्कालीन डीपीओ(स्थापना) से की थी। जिसके बाद स्कूलों में उन्हें ज्वाइन नहीं कराया गया था। जिसके बाद 93 शिक्षकों ने नियोजन होने के बाद भी ज्वाइन नहीं करने की याचिका दायर किया था। जिसके बाद 2014 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें ज्वाइन कराया गया। वर्ष 2014 से हाई में 13 एवं प्राथमिक विद्यालय में बहाल 80 शिक्षक वेतन के लिए संघर्ष करने लगे। लेकिन मार्च 2017 शिक्षकों ने वेतन भुगतान की मांग को लेकर अपना आंदोलन तेज कर दिया। जिसमें डीपीओ स्थापना से वेतन भुगतान का को लेकर समझौता हुआ। जिसके बाद इन शिक्षकों को एक माह का वेतन भी भुगतान शपथ पत्र लेकर दिया गया। आंदोलन के क्रम में शिक्षकों ने तालाबंदी, शिक्षा विभाग के निदेशक एवं यहां तक कार्यक्रम में भाग लेने छपरा आए शिक्षा मंत्री तक भी घेराव किया। इसी दौरान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने शिक्षा विभाग के निदेशक के अनुमति के बाद जिला अपीलीय प्राधिकारी के निर्णय के आलोक में राज्य अपीलीय प्राधिकारी में याचिका दायर किया था। जिस पर राज्य अपीलीय प्राधिकारी ने सारण के जिलाधिकारी को उच्च स्तरीय जांच कमेटी से जांच कराने का निर्देश दिया है। डीएम ने एडीएम एवं डीईओ को जांच का जिम्मा सौंपा। जांच के दौरान तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी राजकुमार साह ने जांच कमेटी को बताया कि इस समय अनड्रेट को बहाल करने का निर्णय नहीं लिया गया था। जांच कमेटी ने नियुक्ति में गड़बड़ी होने की बात कहते हुए रिपोर्ट दिया है। जिसके बाद राज्य अपीलीय प्राधिकार ने नियुक्त को गलत बताते हुए बर्खास्त करने का आदेश दिया है। इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) दिलीप ¨सह ने बताया कि अभी राज्य अपीलीय प्राधिकार के आदेश की सत्यापित कापी नहीं मिली है। प्राधिकारी से कापी मिलने के बाद उसके आदेश को देखकर नियोजन इकाई को उनको बर्खास्त करने की कार्रवाई का आदेश दिया जाएगा। इस बीच हटाए गये शिक्षकों ने कहा कि इनकी नियुक्त नियम सम्मत हुई हैं। वे राज्य अपीलीय प्राधिकार के आदेश के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.