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एनएसएस डे पर संगीतकारों ने बांधा शमा

छपरा। तबले की थाप और सितार के तारों से जब जादुई स्वर निकले तो सबका मना एकबारगी झूम उठ

By Edited By: Published: Sat, 24 Sep 2016 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2016 07:37 PM (IST)
एनएसएस डे पर संगीतकारों ने बांधा शमा

छपरा। तबले की थाप और सितार के तारों से जब जादुई स्वर निकले तो सबका मना एकबारगी झूम उठा। इतना ही नहीं जब कत्थक व क्लासिकल नृत्य की शमा बंधी तो सभी वाह -वाह कह उठे। यह नजारा था रामकृष्ण मिशन आश्रम में जेपी विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत एनएसएस डे पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या का। जिसमें देश के हीं नही दुनिया में वादन व गायिकी से शास्त्रीय संगीत का जलवा बिखेर चुके अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त नई पीढ़ी के सितार वादक पार्थ बोस, कोलकाता की गायिका ईशा बंधोपध्याय व पंडित दुलाल नट्टा जी से तबला वादन की शिक्षा लेने वाले दुर्जय भौमिक ने शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियों में श्रोताओं को सराबोर होने को मजबूर कर दिया। कोलकाता घराने की ईशा बंधोपघ्याय ने तानपुरा पर जब स्वर निकाली तो सभागार में संगीत का जादू फैल गया। उन्होंने तानपुरा की संगीत पर भजन कोई कछु कहे मन का प्यासा सुनाया.. तो उपस्थित श्रोता आंख बंद कर झूमने लगे। इनकी प्रस्तुति ने लोगों को शास्त्रीय संगीत की नयी ऊचाई प्रदान की। इनके बाद विगत तीन दशकों से सितार के माध्यम से देश भर के श्रोताओं से जुड़े रहने वाले मैहर घराने के यशस्वी सितार वादक पं.मनोज शंकर के शिष्य पार्थ बोस व तबला वादन में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले दुर्जय भौमिक ने सितार व दबला की जुगलबंदी कर राग मीना, मल्हार, रागदरबार सुनाया तो श्रोता शांत भाव से संगीत सुनकर झूम उठे। तबला पर सोलो तीन ताल सुनाया। इन विख्यात संगीत साधकों के बाद शहर के उदयमान शास्त्रीय गायक आशीष कुमार ने राग गुर्जरी तोड़ो सुनाया। शिल्पी ने भजन साई मै तो गिरिधर के घर जाऊ सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। इसके बाद एनएसएस के कैडेट पल्लवी प्रिया ने कत्थक एवं प्रीति कुमारी, ट्वींकल कुमारी, रिया सागर, प्रिया सागर, कुमारी अनिषा ने समूह में क्लासिक संगीत पर भाव नृत्य प्रस्तुत की तो श्रोता वाह -वाह कर उठे। सांस्कृतिक संध्या का संचालन आरती यादव व रूबिना ने किया।

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इसके पूर्व जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति डा. प्रो. लोकेश चंद्र प्रसाद ने दीप प्रज्जवलित कर सांस्कृतिक संध्या का विधिवत उद्घाटन किया। उद्घाटन भाषण में कुलपति ने कहा कि जेपी विवि में सांस्कृतिक से इसकी पहचान बन रही है। एनएसएस का कार्य सराहनीय है। स्वागत भाषण एनएसएस के जेपी विवि के समन्वयक डा. विद्या वाचस्पति त्रिपाठी ने किया। स्वागत गान कुमारी पंखुरी, मंटू कुमार यादव, निधि कुमारी आदि ने प्रस्तुत किया। इस मौके पर जेपीएम कॉलेज के एनएसएस समन्वयक डा. रेखा श्रीवास्तव, डा. विभू प्रसाद, डा. वैद्यनाथ प्रसाद मिश्र समेत कई शिक्षक मौजूद थे।


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