एक साल में नहीं दर्ज हुई एक भी प्राथमिकी
प्रमंडलीय मुख्यालय छपरा में एक ऐसा थाना है, जिसमें एक साल में एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। यह पढ़ कर भले ही आपको आश्चर्य लगे, परंतु यह शत प्रतिशत सच है। शायद यह बिहार का पहला थाना है जहां एक साल में एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई । इस थाने की स्थापना भी एक साल पहले ही की गई थी। हम बात कर रहे हैं प्रमंडलीय मुख्यालय छपरा में ट्रैफिक थाने की।
जासं, छपरा : प्रमंडलीय मुख्यालय छपरा में एक ऐसा थाना है, जिसमें एक साल में एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। यह पढ़ कर भले ही आपको आश्चर्य लगे, परंतु यह शत प्रतिशत सच है। शायद यह बिहार का पहला थाना है जहां एक साल में एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई । इस थाने की स्थापना भी एक साल पहले ही की गई थी। हम बात कर रहे हैं प्रमंडलीय मुख्यालय छपरा में ट्रैफिक थाने की। ट्रैफिक थाने की स्थापना एक वर्ष पहले की गई थी। एसपी हरकिशोर राय ने यातायात प्रभारी राजेश कुमार को इसका इंचार्ज बना दिया।
मालूम हो कि विधि व्यवस्था तथा सुरक्षा कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ट्रैफिक थाने की स्थापना की गई। शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करना इस थाने की जिम्मेदारी है। लेकिन यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर मामला दर्ज करने के लिए शहर के विभिन्न थानों में भेजा जाता है। यहां तक की परिवहन विभाग के अधिकारी भी ट्रैफिक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के बजाय नगर थाना, भगवान बाजार थाना तथा मुफस्सिल थाने को आवेदन देते हैं। क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक
छपरा में ट्रैफिक थाना की स्थापना एक वर्ष पहले की गई थी और ट्रैफिक नियमों से जुड़े मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया गया था। हालांकि अब तक इस थाने में कोई कांड प्रतिवेदित नहीं हुआ है।
हर किशोर राय
पुलिस अधीक्षक, सारण