सफाई पर हर माह 11 लाख का खर्च, गदंगी दिखा रही आईना
छपरा : छपरा नगर निगम बनने के बाद भी छपरा शहर की दशा नहीं सुधर सकी है। यहां प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये
छपरा :
छपरा नगर निगम बनने के बाद भी छपरा शहर की दशा नहीं सुधर सकी है। यहां प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये सफाई पर खर्च होते हैं। लेकिन फिर भी शहर में चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा है। शहर के मुख्य सड़क को चकाचक करने की जिम्मेवारी निजी एजेंसी को सौंपी गई है। इस एजेंसी को सफाई के लिए 11 लाख रुपये प्रतिमाह नगर निगम दे रहा है। लेकिन शहर में निकलते ही गंदगी का अंबार लगा रहता है। मुख्य सड़क पर प्रतिदिन झाडू लगने की कौन कहे यहां तो रोज कूड़ा भी नहीं उठ रहा है। जबकि स्मार्ट सिटी को ले स्वच्छता सर्वेक्षण -2018 का सर्वे भी जनवरी -फरवरी में होने वाला है। लेकिन अभी तक नगर सरकार ने तैयारी भी शुरू नहीं की है। स्वच्छता सर्वेक्षण -2017 में छपरा प्रमंडल में भी अव्वल नहीं आ सका था। वह सिवान से भी पिछड़ गया था। स्वच्छता सर्वेक्षण में सिवान 376वें स्थान पर है जबकि छपरा का स्थान 422 वां था। इतना ही नहीं देश के सबसे गंदे 15 शहर की रैं¨कग में छपरा 13 वें स्थान पर था। यहां सफाई के लिए करीब 7 करोड़ रुपये का उपकरण खरीद कर सफाई कराई जा रही है। उल्लेखनीय हो कि केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत केंद्र ने एक से अधिक आबादी वाले 434 शहरों का स्वच्छता सर्वेक्षण कराया था।
इनसेट :
शहर को इन पांच आधार पर दी गई थी रैं¨कग:
-कचरा कलेक्शन, झाडू और सफाई - 40 फीसदी
-कचरे की प्रोसे¨सग और डिस्पोजल - 20 फीसदी
- खुले में शौच और टायलेट - 30 फीसदी
-जानकारी, शिक्षा व बदलाव - 05 फीसदी
-ई लर्निंग पोर्टल - 05 फीसदी
इनसेट :
बोली नगर निगम की मेयर :
फोटो 19 सीपीआर 46
'छपरा शहर में नियमित सफाई कराई जा रही है। निजी एजेंसी एवं सफाई कर्मी सफाई करने में किसी भी तरह की कोताही बरत रहे हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। इस वर्ष स्वच्छता रैंकिग में सुधार करने के लिए तैयारी की जा रही है। कचरे की प्रोसे¨सग ओर डिस्पोजल करने के लिए डंपिग प्वाइंट बनाने के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। '
प्रिया देवी, मेयर
नगर निगम, छपरा
इनसेट :
लोगों की सुने :
फोटो 19 सीपीआर 43
छपरा शहर में प्रतिमाह लाखों रूपये सफाई के लिए निजी एजेंसी पर खर्च किया जा रहा है। इसके बाद भी शहर में सही ढंग से सफाई नहीं हो पा रही है। अनु ¨सह
फोटो 19 सीपीआर 42
छपरा शहर को साफ करने के लिए सालाना करीब एक करोड़ रुपये खर्च होने पर भी पिछले साल छपरा स्वच्छता रैंकिग में सिवान से भी पीछे चला गया था। लेकिन फिर भी कोई चेत नहीं रहा है।
ममता कुमारी
फोटो 19 सीपीआर 45
छपरा शहर में नियमित मुख्य सड़क की सफाई नही हो रही है। मौना गोला रोड में नाले का पानी मुख्य सड़क पर बह रहा है। नाले की सफाई नहीं हो रही है।
गोलू कुमार
फोटो 19 सीपीआर 44
शहर पिछले साल सफाई नहीं होने के कारण ही स्वच्छता रैंकिग पिछड़ गया था। एक साल बीत जाने के बाद भी नगर निगम प्रशासन तैयारी शुरू नहीं की है।
अनादी मनोरम