खनुआ नाला से अतिक्रमण को ले एनजीटी ने डीएम से किया जवाब-तलब
छपरा। शहर में राजा टोडरमल के जमने में बने ऐतिहासिक खनुआ नाला से अतिक्रमण हटाकर उसे पुनर्जीवित एवं पुनरुद्धार करने के मामले में राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली (एनजीटी) के प्रधान और चार सदस्य वाली पूर्ण खंडपीठ ने पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कड़ा अख्तियार किया है।
छपरा। शहर में राजा टोडरमल के जमने में बने ऐतिहासिक खनुआ नाला से अतिक्रमण हटाकर उसे पुनर्जीवित एवं पुनरुद्धार करने के मामले में राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली (एनजीटी) के प्रधान और
चार सदस्य वाली पूर्ण खंडपीठ ने पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कड़ा अख्तियार किया है। इस मामले एनजीटी ने सारण के डीएम से जवाब तलब करते हुए अतिक्रमण मुक्त नहीं होने पर उन्हें भी दोषी मानते हुए दंडात्मक कार्रवाई की बात कही है। उल्लेखनीय हो कि वेट्रम फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ ने खनुआ नाले के अतिक्रमण को लेकर वर्ष 2005 में एनजीटी में याचिका दायर किया था। जिस एनजीटी ने खनुआ नाला का अतिक्रमण हटा कर उसे मूल स्वरूप में लाने का आदेश दिया था। इस आदेश; का अनुपालन नहीं होने पर पुन: याचिका दायर किया गया था। जिस पर एनजीटी ने 13 सितंबर 18 को सुनवाई के बाद कहा है कि पहले के आदेश पर नगर निगम की ओर से क्या कार्रवाई हुई है डीएम रिपोर्ट दाखिल करें। एनजीटी के आदेश का अनुपालन नहीं हुआ तो डीएम दोषी होंगे। इस मामले में एनजीटी ने 28 नवंबर को सुनवाई होगी। इनसेट
खनुआ नाला को अतिक्रमण मुक्त करने ले 2015 से चल रहा है केस
जासं, छपरा : भेट्ररम फोरम फॉर ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक लाइफ द्वारा वर्ष 2015 में खनुआ नाला
को अतिक्रमण मुक्त करने एवं इसे पुनर्जीवित करने के लिए राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर किया था। सुनवाई के दौरान वर्ष 2016 के अक्टूबर माह में ट्रिब्यूनल ने एक संक्षिप्त आदेश पारित किया था जिसमें खनुआ नाला को पुनर्जीवित करने की बात की गई थी । इसी क्रम में आगे 2017 के अक्टूबर माह में नगर निगम द्वारा शपथ देकर 2 माह के समय की मांग की गई थी । मामले को निष्पादित करते हुए दिए गए शपथपत्र के अनुसार नगर निगम कार्य करने का आदेश ट्रिब्यूनल ने दिया था ।
पर कई महीने बीत जाने के बाद भी जमीनी स्तर पर जब कोई भी कार्यवाही नहीं हुई तो वेटरन्स फोरम द्वारा वर्ष 2018 में एक आदेश पालन हेतु आवेदन संख्या 46 /2018 दायर किया गया था। जिस पर यह आदेश एनजीटी ने दिया है।
राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश से जगी आस राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने खनुआ नाला को अतिक्रमण मुक्त करके पुनर्जीवित करने के आदेश को कड़ाई से पालन करने का आदेश के बाद इस केश को लड़ रहे लोगों में आशा जगी है, कि खनुआ नाला अतिक्रमण मुक्त हो जायेगा तो शहर मे जलजमाव की समस्या खत्म हो जाएगी। एनजीटी के निर्णय पर
वेटरन फोरम के महासचिव ¨वग कमांडर डा. बीएनपी ¨सह , न्याय फाइ¨टग फॉर पीपुल के संस्थापक सह महासचिव मो. सुल्तान हुसैन इद्रीशी, भूतपूर्व सैनिक सैनिक कल्याण संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार सचिव श्री रमेश प्रसाद ¨सह सारण बुद्धिजीवी मंच के प्रोफेसर पृथ्वीराज ¨सह ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि खनुआ नाला शहर की जीवन रेखा है । इस पर अतिक्रमण कर सरकार द्वारा दुकानें बनाए जाने के कारण एवं अन्य स्थानों पर कूड़ा करकट फेंके जाने के कारण नाला अवरुद्ध हो चुका है । इस कारण बरसात के दिनों में शहर में जलजमाव की समस्या का सामना करना पड़ता है। मो. सुल्तान हुसैन इद्रीशी एवं प्रो. पृथ्वीराज ¨सह ने कहा कि खनुआ नाला अतिक्रमण मुक्त होने पर शहर में जल जमाव की समस्या खत्म हो जाएगी।