पानी निकासी के लिए 9.65 करोड़ की लागत से बनेगा नाला
अब सारण की जनता को जलजमाव और बाढ़ से मुक्ति मिलेगी।
छपरा। अब सारण की जनता को जलजमाव और बाढ़ से मुक्ति मिलेगी। राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 19 के अंतर्गत पड़ने वाले मोहल्लों और बाजारों को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए 9.65 करोड़ की लागत से लगभग 14 किलोमीटर स्टॉर्म ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह सब संभव हुआ है सांसद राजीव प्रताप रूडी के प्रयासों से। इसके लिए श्री रूडी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से लेकर राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकरियों तक से सम्पर्क किया और योजना के संदर्भ में उनसे विस्तृत चर्चा की। अब प्राधिकरण द्वारा योजना को मंजूरी मिल गई है। अगले कुछ ही दिनों में इसके लिए राशि भी विमुक्त कर दी जायेगी। विदित हो कि यह राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 19 को फोर लेन में परिवर्तन भी सांसद के प्रयासों का ही प्रतिफल है। पर पूर्व में इस परियोजना में नाला निर्माण की कोई योजना नहीं थी। इस पथ के आस-पास के क्षेत्रों में जलजमाव और बाढ़ का खतरा बना रहता है। इसे देखते हुए सांसद श्री रुडी ने नाला निर्माण के लिए केन्द्रीय मंत्री गडकरी से सम्पर्क साधा और उन्हें पत्र भी लिखा।
श्री रूडी ने बताया कि छपरा के बीचोबीच गुजरने वाले एनएन 19 से कई अन्य सड़के जुड़ती हैं। सड़क को चार लेन में परिवर्तित करने के उपरान्त इसके आस पास जलभराव की स्थिति से स्थानीय नागरिकों को निजात दिलाने के लिए एनएच विकास योजना में ही उच्च क्षमता के जल निकासी वाले स्टॉर्म ड्रेनेज सिस्टम का भी विकास किया जायेगा। यह निर्माण ब्रम्हपुर पुल से बस स्टैंड तक कुल 7 किलोमीटर और कदम चौक से दहियावां एक किलोमीटर सड़क के दोनो तरफ होगा जबकि साढ़ा ढ़ाला बस स्टैंड के पास 50 मीटर, नेवाजी टोला में 250 मीटर तक बाई तरफ होगा। अन्य स्थानों जैसे नेवाजी टोला से मुफस्सिल थाना तक एक किलोमीटर से अधिक और भिखारी ठाकुर पुल से रौजा पोखरा तक आधा किलोमीटर का निर्माण सड़क के दाहिने तरफ किया जायेगा। श्रीरूडी ने कहा कि बरसात के दिनों में इस पथ से बच्चों को विद्यालय जाने में, रोगियों को अस्पताल ले जाने में और व्यवसायियों को आने जाने में काफी दिक्कत होती थी, जिससे अब मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि निर्माण से बरसाती व बाढ़ का पानी इस नाले के माध्यम से गुजरकर आगे जाता रहेगा। जिससे अब जलजमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।