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दर्दनाक: मां ने दो बच्‍चों को नदी में फेंका, तीसरे संग छलांग लगाते हुई ये बात...

एक मां ने अपने ही हाथों दो बच्‍चों को नदी में फेंक दिया। फिर, तीसरे संग छलांग लगाते पकड़ ली गई। अब उसे अपने जिंदा बच जाने का मलाल है। पूरी कहानी जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 05:20 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 11:26 PM (IST)
दर्दनाक: मां ने दो बच्‍चों को नदी में फेंका, तीसरे संग छलांग लगाते हुई ये बात...
दर्दनाक: मां ने दो बच्‍चों को नदी में फेंका, तीसरे संग छलांग लगाते हुई ये बात...

सारण [जेएनएन]। गरीबी और प्रताडऩा से आजिज एक मां ने अपने दो बच्चों को नदी में फेंक दिया, फिर तीसरे बच्‍चे के साथ उफनती धारा में कूदने ही वाली थी कि आसपास के लोगों ने उसे पकड़ लिया। नदी में विलीन दोनों बच्चों की खोज की जा रही है, हालांकि समय बीतने के साथ उनके जीवित होने की संभावना समाप्‍त होती दिख रही है। घटना सारण के मांझी थाना अंतर्गत सरयू नदी पर बने जयप्रभा सेतु पर बुधवार को हुई।

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दो बच्‍चों को नदी में फेंका, फिर पकड़ी गई

जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह एक महिला मनोरमा देवी ने अपने दो छोटे बच्‍चों को मांझी स्थित  यूपी-बिहार को जोडऩे वाले जयप्रभा सेतु से सरयू नदी में फेंक दिया। इसके बाद वह सात साल की अपनी बेटी के साथ नदी में कूदने ही वाली थी कि अासपास के लोगों ने उसे पकड़ लिया। फिर, उसकी जमकर पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया।

निराशा में उठाया खौफनाक कदम

महिला ने बताया कि वह आर्थिक तंगी के कारण टूट चुकी है। जीवित रहकर जब बच्चों को पाल नही सकती तो बच्चों के साथ मर जाना चाहती है। चारों तरफ से निराश होने के बाद उसने यह कदम उठाया।

मनोरमा ने बताया कि 11 वर्ष पहले मांझी थाना क्षेत्र के ताजपुर फुलवरिया निवासी अमरजीत राम से उसकी शादी हुई है। उसे ससुराल में प्रताडि़त किया जाता है। तीन बच्चों के जन्म के बाद भी प्रताडऩा का दौर नहीं थमा। पति अमरजीत को नशे की लत है। वह शराब पीकर आता और पिटाई करता है। सास-ससुर भी प्रताडि़त करते रहे हैं।

उसने बताया कि इधर तीन दिनों से उसकी तबीयत खराब चल रही है। इलाज तो दूर, मंगलवार की रात पति ने उसे बेरहमी से पीटा। इस कारण वह तीनों बच्चों के साथ मायके जाने के लिये निकली। रास्‍ते में जयप्रभा सेतु पर पहुंचने के बाद उसने अपना जीवन बच्‍चों के साथ समाप्त करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया।

जिंदा रह जाने का मलाल

मनोरमा को अपने जिंदा रह जाने का मलाल है। फिलहाल उसे और उसकी सात साल की बेटी को मांझी थाने में रखा गया है।


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