कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था हुई है प्रभावित : मुकेश
रामजयपाल कॉलेज में चल रहे वेबिनार में वक्ताओं ने कहा कि कोरोना महामारी ने न केवल भारत बल्कि की विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।
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-रामजयपाल कॉलेज में सातवें दिन अर्थशास्त्र विभाग का हुआ वेबिनार
जागरण संवाददाता, छपरा : रामजयपाल कॉलेज में चल रहे वेबिनार(सीरीज के सातवें दिन शनिवार को अर्थशात्र विभाग में ऑनलाइन संगोष्ठी हुई। आरजे कॉलेज के उर्दू विभाग एवं आईक्यूएसी के तत्वावधान में कोरोना महामारी के समय उत्पन्न आर्थिक समस्याएं एवं उनका निदान विषय पर आयोजित वेबिनार में भारतीय आर्थिक सेवा के अधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि यह पहली ऐसी महामारी है जिसने वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर दिया है। पुरी दुनिया के विकास के अवरोध कर दिया है। अभी तक आई मंदी कुछ क्षेत्र एवं देशों तक ही सीमित होती थी लेकिन इस बीमारी ने व्यापक मंदी ला दी। मंदी से सेवा व निर्माण क्षेत्र में नाकारात्मक प्रभाव पड़ा।
पटना विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका डॉ. रश्मि अखौरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण में आर्थिक महामारी भी उत्पन्न हो गई है। जिसने मांग एवं आपूर्ति को भी प्रभावित किया है। इसका समाधान मांग और आपूर्ति में संतुलन से ही हो सकता है। आरके कॉलेज, मधुबनी के सहायक आचार्य डॉ. अवधेश कुमार ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में वस्तुओं की सीमांत उपयोगिता अर्थात किसी वस्तु के उपभोग से प्राप्त होने वाली संतुष्टि कम होती है। जबकि कोरोना जैसी महामारी के दौरान कुछ आवश्यक वस्तुओं जैसे चिकित्सा, खान-पान, एवं साफ सफाई से संबंधित वस्तुओं की सीमांत उपयोगिता काफी बढ़ गई हैं। व्याख्यान माला का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने किया।
संचालन डॉ. सत्येंद्र कुमार सिन्हा ने की। वक्ताओं का परिचय अर्थशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य राकेश कुमार यादव ने कराया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन आईक्यूएसी के प्रमुख दिनेश बल्लभ ने की। डॉ.विश्वमोहन कुमार ने भी इसमें शिरकत की।
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कोरोना से लड़ने को ले सकारात्मक सोच जरूरी
जासं, छपरा : राम जयपाल महाविद्यालय के वेब व्याख्यानमाला के अन्तर्गत शनिवार अंग्रेजी विभाग में वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना की डॉ. स्मृति सिंह, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ.सैय्यद तहसीन रजा, आरजे कॉलेज के डॉ. ऐमन रियाज, एवं फैसल मोहम्मद नईम ने संबेधोधित किया।
डॉ. सैय्यद तहसीन रजा ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए सभी लोगों में सकारत्मक सोच को विकसित करना होगा। उन्होंने कोरोना से लड़ने के लिए विभिन्न देशों द्वारा किेया जा रहे उपाय की चर्चा की। फैसल मोहम्मद नईम ने कहा कि कोरोना जैसी महामारियों से उत्पन्न परिस्थितियों में शिक्षा एवं साहित्य व्यक्तियों को माननवीय संवेदनाओं से युक्त बनाती है और यही मनानीय संवेदनाएं एक - दूसरे व्यक्तियों के सुख -दुख को समझने में सहयोगी होती है। प्रो. समृति सिंह ने गौथिक साहत्यि विक्टारिनिज्म आदि पर व्याख्यान दिया। स्वागत भाषण प्राचार्य डॉ. सिद्वार्थ शंकर सिंह ने किया जबकि वेबिनार का संचालन अंग्रेजी विभाग के संहायक प्राध्यापक डॉ. मनीष सिंह ने किया।