यूपी की लापरवाही से एक बार फिर बाढ़ के हवाले हो सकता जेपी का गांव
लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव सिताबदियारा में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यहां के लोग सकते में हैं।
संसू, सिताबदियारा : लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव सिताबदियारा में यूपी-बिहार सीमा की लगभग 60 हजार की आबादी को बाढ़ व कटान से बचाव के लिए रिग बांध का निर्माण कार्य यूपी की ओर से पूर्ण नहीं होने से इस बार भी जेपी का गांव बाढ़ के हवाले होगा। 125 करोड़ की इस संयुक्त परियोजना की नींव वर्ष 2018 में रखी गई। बिहार व यूपी के साझे वाली इस परियोजना को बिहार ने वर्ष 2019 में ही चार किमी में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया। इस पर कुल 85 करोड़ रुपये खर्च हुए। वहीं यूपी सीमा में 40 करोड़ से 3400 मीटर में गंगा और सरयू दोनों के किनारे बनने वाला रिग बांध तीन साल से निर्माणाधीन है। अब गंगा और सरयू का पानी बढ़ने लगा है। गांवों में बाढ़ की स्थिति बनते दिख रही है। ऐसे में रिग बांध का कार्य इस साल भी अधूरा ही रह गया। यूपी की लापरवाही से जेपी के गांव सिताबदियारा के लोगों को इस साल भी बाढ़ की त्रासदी झेलनी होगी। ---------------
गंगा व सरयू के किनारे रिग बांध की लंबाई
यूपी सीमा में रिग बांध का कार्य दो भाग में होना है। इसमें गंगा के भाग में 2300 मीटर और सरयू (घाघरा) के भाग में 1175 मीटर में रिग बांध बनाया जाना है। 40 करोड़ रुपये इस पर खर्च होना है। ----------------
ये गांव हो जाते बाढ़ मुक्त
रिग बांध का कार्य पूरा हो गया होता तो यूपी सीमा के विकासखंड मुरली छपरा अतर्गत इब्राहिमाबाद नौबरार व कोड़हरा नौबरार दो पंचायतों के एक दर्जन से अधिक तो वहीं बिहार सीमा के भी सिताबदियारा व प्रभुनाथनगर दक्षिणवारी चक्की दो पंचायतों के एक दर्जनों गांव बाढ़ से सुरक्षित हो जाते।
--------------
सरयू किनारे के रिग बांध के लिए जमीन का रेट तय नहीं हो पाया था। इस वजह से भी कुछ विलंब हुआ। कोरोना को लेकर भी कुछ दिक्कतें आईं लेकिन अक्टूबर तक इस रिग बांध का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्य में तेजी लाने के लिए ठेकेदारों को कहा गया है।
भानू प्रताप सिंह, अधीक्षण अभियंता, डेजेज मंडल, सिचाई विभाग, बलिया
--------------
मुश्किल
- रिग बांध का निर्माण नहीं होने से 60 हजार की आबादी प्रभावित
- बिहार की सीमा में चार किमी में पूरा हो चुका बांध निर्माण कार्य
- यूपी सीमा में गंगा व सरयू नदी तट पर 3400 मीटर में बनना हैं बांध