जविपा का एकदिवसीय धरना प्रदर्शन
छपरा। पानी के अभाव में फसलें सूख गई और सरकार बयानवीर बन कर बयानों के बूते किसानों की दशा सुधारने की बात कर रही। प्रशासनिक उदासीनता के कारण जिले के नहरों में पानी नहीं है और सरकारी नलकूप वर्षों से बंद पड़े हैं।
छपरा। पानी के अभाव में फसलें सूख गई और सरकार बयानवीर बन कर बयानों के बूते किसानों की दशा सुधारने की बात कर रही। प्रशासनिक उदासीनता के कारण जिले के नहरों में पानी नहीं है और सरकारी नलकूप वर्षों से बंद पड़े हैं। खास बात यह कि सरकार तथा विभागीय अधिकारी का रवैया इस मामले में उदासीन दिख रहा हैं। उक्त बातें शहर के नगरपालिका चौक पर मंगलवार को किसानों की समस्याओं को ले आयोजित एक दिवसीय धरना को संबोधित करते हुए जनतांत्रिक विकास पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेमप्रकाश ने कही।
जनतांत्रिक विकास पार्टी के जिलाध्यक्ष उज्जवल कुमार कुंदन के नेतृत्व में आयोजित धरना सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश सचिव ओमप्रकाश यादव ने कहा कि किसान आज मुख्यमंत्री के छल नीति के शिकार हो भूखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं। सालों साल उनपर कर्ज का बोझ बढ़ते जा रहा है। उनकी इस दशा के लिए बिहार सरकार जिम्मेवार है। जिलाध्यक्ष उज्जवल कुमार कुंदन ने कहा कि किसान का बेटा कहने वाले किसानों का हाल नहीं पूछ रहे। किसान सूखाड़ की मार से कराह रहे हैं। उनके खेतों में पानी के अभाव फसलें सूख गई। वहीं सुशासन सरकार के लोग धर्म व जाति की राजनीति करने में मस्त हैं। धरना सभा को संबोधित करने वालों में रंजीत ¨सह, भिखारी साह, शंभू मांझी, दीपक , दीनदयाल प्रसाद, नितेश कुमार एवं नारायण साह आदि प्रमुख हैं। धरना के बाद पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी को पांच सूत्री मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से जविपा कार्यकर्ताओं ने नहरों में पानी की व्यवस्था अविलंब करने, बंद पड़े नलकूप को चालू कराने, प्रति एकड़ 15 हजार रुपये की दर से मुआवजा देने, लापरवाही बरतने वाले नहर प्रमंडल के अभियंता एवं कृषि पदाधिकारी सहित अन्य जिम्मेवार पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।