जिले के चयनित परिवारों के रसोई घर तक नहीं पहुंच सकी उज्ज्वला
सारण। केंद्र सरकार की सबसे महत्वपूर्ण उज्ज्वला योजना से लाभान्वित करने के लिए सारण जिले में परिवारों
सारण। केंद्र सरकार की सबसे महत्वपूर्ण उज्ज्वला योजना से लाभान्वित करने के लिए सारण जिले में परिवारों का चयन किया गया है। लेकिन जिले के सभी चयनित परिवारों के रसोई घर तक उज्ज्वला का उजाला नहीं पहुंचा है। जिले में लक्ष्य का 50 फीसद तक ही लोगों को इसका लाभ अभी तक मिल पाया है। लेकिन इसमें भी आधे से अधिक परिवारों के घरों में यह शोभा की वस्तु बनकर रह गया है। आज भी लोग इस महंगे गैस के कारण जलावन पर ही खाना बना रहे हैं। जिससे धुआं के कारण प्रदूषण फैल रहा है।
प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर केंद्र व राज्य सरकारें सख्त हो गई हैं। लेकिन प्रशासनिक तंत्र के आगे प्रदूषण को लेकर बनाए गए कानून सफल नहीं हो पा रहा है। कहीं न कहीं इसमें संबंधित की मिली भगत जरूर है। हालांकि पहले सभी के घरों, होटलों एवं दुकानों में जलावन पर खाना पकता था। धीरे-धीरे इसमें बदलाव होता गया। उसके बाद कोयला पर होटलों एवं दुकानों पर खाना आदि बनाए जाते हैं। कुछ घरों में कोयला पर भी खाना बनाया जाता था। कुछ समय बाद जिनके दरवाजे पर कई पशु पाले जाते थे उनके घरों में गोबर गैस पर खाना बनाने का कार्य शुरू हुआ। लेकिन वह सफल नहीं हुआ। जब डोमेस्टिक का प्रचलन बढ़ा तो शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों खाना बनाने में गैस का प्रयोग करने लगे। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जलावन पर ही खाना पकाया जाता था। प्रदूषण को लेकर लोगों में धीरे-धीरे जागरूकता आयी तो वे भी अपने घरों में खाना पकाने के लिए गैस का प्रयोग करना शुरू कर दिए। लेकिन जो काफी गरीब है, गैस का कनेक्शन लेने तथा अगर किसी प्रकार गैस का कनेक्शन ले भी लिए तो महंगा होने के कारण उसे प्रत्येक माह भरवाना आसान नहीं रह गया है। जिससे अधिकांश लोगों के घरों में गैस चूल्हा शोभा की वस्तु बन कर रह गया है। उज्ज्वला योजना के तहत 1.40 लाख को मिला कनेक्शन
केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना का लाभ देने के लिए गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले जिले के करीब दो लाख 43 हजार परिवारों का चयन किया गया है। जिसमें केंद्र सरकार के आदेश पर डोमेस्टिक गैस के कंपनियों द्वारा करीब एक लाख 40 हजार परिवारों को निश्शुल्क गैस कनेक्शन दिया जा चुका है। इसके वितरण के लिए शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर उज्ज्वला योजना के तहत गैस का कनेक्शन दिया जा रहा है। जिससे कि जिनके घरों में जलावन से खाना बनाया जाता है वहां गैस पर बने और प्रदूषण कम हो सके। गैस कनेक्शन लेने के बावजूद अधिकांश घरों में जलावन पर बन रहा खाना
ग्रामीण क्षेत्रों में उज्ज्वला योजना के तहत चयनित जिन परिवारों को निश्शुल्क गैस कनेक्शन दिया गया है उसमें अधिकांश घरों में आज भी जलावन पर खाना बनाया जा रहा है। कारण की उनके पास अपने खेत, बगीचा से निकला फ्री का जलावन है। वह इस गैस में पैसा लगाने से बचना चाहते हैं। कहते है गैस वितरक
फोटो- 8 सीपीआर 26
भारत गैस का वितरण करने वाले ओम इंटर प्राइजेज छपरा के मालिक विपुल कुमार ¨सह का कहना है कि सरकार ने गैस कंपनियों को उज्ज्वला योजना का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। लक्ष्य के अनुसार सभी गैस कंपनियों द्वारा शिविर लगाकर चयनित परिवारों को निश्शुल्क कनेक्शन दिया जा रहा है। पहली बार भरा सिलेंडर भी दिया जा रहा है। लेकिन जो काफी गरीब है वह इसे दूसरी बार नहीं भरवा पा रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लाभुकों का कहना है कि उनके घर अपना जलावन है तो इसको भरवाने के लिए पैसा क्यों लगवाया जाए। कहते हैं नोडल अधिकारी
सरकार ने सारण जिले में उज्ज्वला योजना के लिए 2.43 लाख लाभुकों को निश्शुल्क कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें अभी तक एक लाख 40 लाख लोगों को कनेक्शन दिया जा चुका है। अन्य लाभुकों को कनेक्शन देने के लिए जगह-जगह कैंप लगाकर कनेक्शन का वितरण किया जा रहा है।
मो. आसिफ
नोडल अधिकारी, सारण