निरीक्षण में सदर अस्पताल के व्यवस्था की खुली पोल
छपरा। सदर अस्पताल के व्यवस्था की पोल सोमवार को उस समय खुल गई, जब सदर एसडीओ चेतनारायण राय, डीसीएलआर
छपरा। सदर अस्पताल के व्यवस्था की पोल सोमवार को उस समय खुल गई, जब सदर एसडीओ चेतनारायण राय, डीसीएलआर एवं सदर सीओ विजय कुमार ¨सह ने अचानक ही सदर अस्पताल पहुंच कर जांच करना शुरू कर दिया। जांच के क्रम में सदर अस्पताल के किसी भी बेड पर एक भी चादर नहीं दिखा। जबकि राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा सप्ताह के सातों दिन के लिए अलग-अलग रंग की चादर बिछाए जाने का निर्देश है। इसके लिए विभाग द्वारा सदर अस्पताल को सतरंगी चादर भी उपलब्ध करा दी गई हैं। जांच के क्रम में सदर अस्पताल के ओपीडी में चिकित्सक की उपस्थिति, दवा की उपलब्धता एवं मरीजों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना गया। साथ ही सदर अस्पताल की साफ सफाई व्यवस्था पर भी नाराजगी प्रकट की गई। इस अवसर पर अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद एवं अकाउंटेंट बंटी कुमार रजक सहित अन्य चिकित्सक एवं कर्मी मौजूद थे। इस संबंध में सदर एसडीओ ने बताया कि बेड पर चादरें बिछी हुई नही थी। गंदगी का अंबार दिखा। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। साथ ही कार्रवाई के लिए भी लिखा जाएगा। इनसेट
सप्ताह के सातों दिन बिछानी है अलग-अलग रंग की चादर
छपरा : सदर अस्पताल के बेडों की स्वच्छता को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति की इंद्रधनुषी सोच हवा हवाई ही साबित हुई। वैसे राज्य स्वास्थ्य समिति ने वर्ष 2015 में सदर अस्पताल को कुछ सतरंगी चादरें उपलब्ध तो कराई लेकिन चंद दिनों में ही इसकी हवा निकल गई। कुछ दिनों तक बेडों पर जैसे तैसे कुछ चादरें दिखी। अब तो वे चादरें भी बेडों से गायब हो चुकी हैं। राज्य स्वास्थ्य समिति भी शायद भूल चुका है कि उसके द्वारा ही सदर अस्पताल के सभी बेडों पर सातों दिन सात रंग की चादरें बिछाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन एक बार सतरंगी चादरों को उपलब्ध कराने के बाद यह योजना हवा में ही अटक गई। बताते चलें कि बेडों की स्वच्छता को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग रंग की चादरें बिछाए जाने का निर्देश दिया गया था।
इस निर्देश के चार्ट के अनुसार रविवार को बैगनी रंग की चादर, सोमवार को नीला, मंगलवार को आसमानी, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी एवं शनिवार को लाल रंग का चादर बेडों पर बिछाया जाना था। जिससे कि यह पता चल सके कि बेडों पर प्रतिदिन चादर बदला जाता है। विदित हो कि एक ही चादर का प्रयोग अलग-अलग मरीजों द्वारा प्रतिदिन किए जाने से इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। जबकि सिजेरियन से लेकर विभिन्न बीमारी से ग्रसित मरीज प्रतिदिन सदर अस्पताल पहुंचते हैं। मरीजों को स्वच्छ चादर मिले और इंफेक्शन नहीं हो इसी सोच के साथ सदर अस्पताल के बेडों पर सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग रंग की चादरें बिछाए जाने की योजना बनाई गई लेकिन यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी और तो ओर अब तो बेड से चादरें भी गायब हो चुकी है। जिसके कारण मरीजों को घर से ही चादर लेकर आना पड़ता है।