झड़ने लगे अरहर के फूल, किसानों की ¨चता बढ़ी
मानसून ने धान के साथ दगाबाजी की तो ठंड ने अरहर के साथ। ठंड के प्रकोप से अरहर के फूल झड़ने लगे हैं। यह देख किसानों के होश उड़ गए हैं। मानसून की दगाबाजी से वर्षा नहीं हुई। अरहर को वैसे पानी की जरूरत कम पड़ती है। हस्त नक्षत्र से लेकर शारदीय वृष्टि अरहर के विकास के लिए अति आवश्यक है जो हुआ ही नहीं।
संसू, जलालपुर: मानसून ने धान के साथ दगाबाजी की तो ठंड ने अरहर के साथ। ठंड के प्रकोप से अरहर के फूल झड़ने लगे हैं। यह देख किसानों के होश उड़ गए हैं। मानसून की दगाबाजी से वर्षा नहीं हुई। अरहर को वैसे पानी की जरूरत कम पड़ती है। हस्त नक्षत्र से लेकर शारदीय वृष्टि अरहर के विकास के लिए अति आवश्यक है जो हुआ ही नहीं। पौधे पानी के बिना बौने ही बनकर रह गये। पिछले वर्ष भी अरहर के फूल समय से पहले झड़ गए थे। किसान संतोष कुमार ¨सह, अर्जुन ¨सह, रामजी ¨सह, वासुदेव ¨सह, शंकर ¨सह, रामाशंकर ¨सह तथा रामरीत यादव ने बताया कि हमारी थाली से मानसून ने भात चुरा लिया और ठंड ने दाल। फूल झड़ने के बारे में पूछे जाने पर बीएओ अशोक कुमार ने बताया कि पानी नहीं बरसने से अरहर के पौधों का समुचित विकास नहीं हो सका। कमजोर पौधे जल्द ही संक्रमण के शिकार हो जाते हैं। पौधों पर एंटीबायोटिक और विटामिन के छिड़काव से किसानों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही किसानों को चाहिए कि अपने फसल की ¨सचाई जरूर करें। इससे असमय फूल नहीं झड़ेंगे।