जेपी विश्वविद्यालय का हर परिसर बनेगा हरा परिसर
सारण। ग्लोबल वार्मिग के समस्या से छात्रों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए कॉलेज एवं विश्वविद्यालय कैंपस को ग्रीन कैंपस बनाने का निर्णय लिया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कॉलेज व विश्वविद्यालय में डवलपमेंट के कारण बिल्डिग की संख्या बढ़ने पर चिता व्यक्त किया है। जिसमें कहा है कि छात्र एवं शिक्षक पहले खुद का कैंपस ग्रीन करे। उसके बाद आम लोगों को ग्लोबल वार्मिग के प्रति जागरूक करे।
सारण। ग्लोबल वार्मिग के समस्या से छात्रों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए कॉलेज एवं विश्वविद्यालय कैंपस को ग्रीन कैंपस बनाने का निर्णय लिया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कॉलेज व विश्वविद्यालय में डेवलपमेंट के कारण बिल्डिग की संख्या बढ़ने पर चिता व्यक्त की है। इसमें कहा है कि छात्र एवं शिक्षक पहले खुद का कैंपस ग्रीन करे। उसके बाद आम लोगों को ग्लोबल वार्मिग के प्रति जागरूक करे। इस बाबत राजभवन को भी पत्र भेजा गया है। जिसमें कैंपस को हरा -भरा करने का आग्रह किया गया है। जिसके बाद राजभवन ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय समेत सूबे के अन्य विश्वविद्यालय को हर परिसर हरा बनाने का निर्देश दिया है। जिसमें कॉलेज एवं विश्वविद्यालय को ग्रीन बेल्ट कैंपस भी चिह्नित करने को कहा गया है। ग्रीन कैंपस के तहत पौधा रोपण के साथ सौर ऊर्जा का उपयोग करने कहा गया है। पिछले दिनों कुलपतियों की बैठक में कुलाधिपति ने परिसर को हरा परिसर बनाने को कहा था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने तो कॉलेज एवं छात्रों से हर परिसर हरा परिसर बनाने के लिए आइडिया भी मांगा है। जिसमें बेहतर आइडिया देने वाले शिक्षक या छात्रों को पुरस्कृत किया गया जाएगा। इतना ही उसे अन्य विश्वविद्यालय में लागू करने के लिए भी माडल को सुझाव दिया जाएगा। वैसे जयप्रकाश विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले साल ही भारतीय स्टेट बैंक से विश्वविद्यालय कैंपस को ग्रीन कैंपस बनाने का अभियान चलाया था। जिसके तहत कैंपस में बोटनिकल गार्डन भी बनाना था, लेकिन यह अभियान फेल हो गया है। स्टेट बैंक ने पूरे तामझाम के साथ कैंपस में पेड़ भी लगाया था। बैंक जो पौधरोपण किया था, उसे गोद ले कर देखरेख भी करना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जो पौधरोपण हुआ वह पूरी सूख गया। विश्वविद्यालय के साइंस ब्लॉक के पास पौधरोपण किया गया। वहां भी पीजी विभाग के छात्र व शिक्षकों ने देखरेख नहीं किया। जिसके कारण वह पौधा पूरी तरह से सूख गया। वहां अंतरराष्ट्रीय संस्था रोटरी क्लब ने भी पौधरोपण किया था। रोटरी क्लब ने भी देख-रेख नहीं किया था। जिसके चलते वह भी पौधा सूख गया। अब राजभवन के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन फिर हर परिसर हरा परिसर बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है।