छपरा सदर अस्पताल में एचआइवी सूट के सहारे लड़ी जा रही कोरोना से जंग
सदर अस्पताल में उपचार करने वाले डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं है। उन्हें एचआइवी सूट पहनकर इलाज करना पड़ रहा है।
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- डर के साये में हो रहा उपचार, आइसोलेशन वार्ड में 5 संदिग्ध हैं भर्ती
जासं, छपरा : सदर अस्पताल में पीपीई सूट की बजाए एचआइवी सूट के सहारे कोरोना महामारी से जंग लड़ी जा रही है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब दैनिक जागरण की टीम सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड एवं आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण करने पहुंची। निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी ड्यूटी पर डॉ. एमपी सिंह तथा आइसोलेशन एवं फ्लू वार्ड में डॉ सुरेंद्र महतो ड्यूटी पर थे। दोनों एचआइवी सुरक्षा सूट पहने हुए थे। स्वास्थ्य कर्मी सिर्फ मास्क पहने हुए थे। आइसोलेशन वार्ड के बाहर ड्यूटी पर मौजूद एएनएम भी सिर्फ मास्क पहनी हुईं थीं। जबकि चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों को भी स्पेशल सूट उपलब्ध कराया जाना है। आइसोलेशन वार्ड में पीपीई सूट पहनकर करना है उपचार
कोरोना वायरस संदिग्धों के उपचार के लिए पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) सूट पहनना अनिवार्य है। क्योंकि, सूट में 3 लेयर होते हैं जो कि तीन स्तरों पर सुरक्षा प्रदान करते हैं। जबकि छपरा सदर अस्पताल में वस्तुस्थिति यह है कि किसी भी चिकित्सक को यह उपलब्ध नहीं कराया गया है। वे एचआइवी सूट पहने रहते हैं। स्वास्थ्य विभाग की भाषा में कहें तो यह एक लेयर का साधारण सूट है, जो कि कोरोनावायरस के संक्रमण को रोक पाने में पूरी तरह अक्षम है। जिसके कारण ड्यूटी कर रहे चिकित्सकों की सांस अटकी हुई है कि अगर आइसोलेशन वार्ड का कोई मरीज आगे चलकर पॉजिटिव पाया जाता है तो उनका क्या होगा। हालांकि यह समस्या अन्य जिलों में भी है। चिकित्सकों में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था को लेकर कुछ नाराजगी है। इसके बावजूद भी सभी चिकित्सक व कर्मी देश सेवा की भावना से अपनी ड्यूटी दे रहें हैं। आइसोलेशन वार्ड में 5 मरीजों को कराया गया है भर्ती
सदर अस्पताल में कोरोनावायरस के अब तक पांच संदिग्धों को भर्ती कराया गया है। हालांकि उनकी स्थिति अभी तक सामान्य ही है।
सदर अस्पताल में एहतियात के तौर पर फ्लू वार्ड बनाया गया है, जिसमें एक मरीज शुक्रवार को भर्ती कराया गया। सदर अस्पताल में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सैनिटाइजर, ग्लाब्स एवं मास्क की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।