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भूमि विवाद के निपटारे के लिए हुई विशेष बैठक

समाहरणालय सभागार में भूमि विवाद के मामलों के शीघ्र निष्पादन को लेकर एक समीक्षात्मक बैठक जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित की गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 10:42 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 10:42 PM (IST)
भूमि विवाद के निपटारे के लिए हुई विशेष बैठक
भूमि विवाद के निपटारे के लिए हुई विशेष बैठक

जासं, छपरा : समाहरणालय सभागार में भूमि विवाद के मामलों के शीघ्र निष्पादन को लेकर एक समीक्षात्मक बैठक जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए डीएम श्री सेन ने कहा कि सभी अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी विवाद से संबंधित मामलों को गंभीरता से लें और प्रत्येक शनिवार को संबंधित पक्षों को थाने पर बुलाकर नियमानुसार निपटारा करें। भूमि मापी की जरूरत महसूस हो तो अमीन से मापी करवाकर मामले का निपटारा करें। बताते चले कि पूर्व में डीएम के आदेश के अनुसार सभी थानों में विवाद का निपटारा किया गया लेकिन परसा थाना को छोड़कर अन्य थानों में अपेक्षित संख्या में वादों का निपटारा नहीं किया जा सका। जबकि परसा अंचल में 37 भूमि विवाद के मामलों का निष्पादन किए जाने पर जिलाधिकारी ने सराहना किया।

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वहीं मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के अंतर्गत हर घर नल का जल, पक्की नाली गली एवं शौचालय निर्माण घर का सम्मान योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी श्री सेन ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जो भी योजनाएं पूर्ण हो चुकी है उसका भुगतान शीघ्र कराया जाए। उन्होंने कहा कि जो पंचायत अथवा वार्ड ओडीएफ हो चुके हैं उनके भुगतान में तेजी लाएं। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2016- 17 एवं 17- 18 के चयनित सभी योजनाओं को 10 अक्टूबर तक पूर्ण करावे एवं 18-19 योजनाओं का चयन इस प्रकार करे कि कोई पंचायत छूटे नहीं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत में गांव को मॉडल के रूप में विकसित किया जाए मनरेगा के द्वारा वहां पर पौधे लगाए जाएं।

वही मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की सफलता को लेकर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी व प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ बैठक किया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने बताया कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने के लिए प्रत्येक पंचायत मे पांच वाहनों की खरीदारी की जाएगी। जिसमें तीन वाहन अनुसूचित जाति जनजाति एवं दो वाहन अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लाभार्थी परिचालित करेंगे। वाहनों की खरीद पर लाभार्थी को अनुदान दिया जाएगा। अनुदान की राशि 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक की होगी।


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