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कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने 21 दिन तक किया कृषि समस्याओं का अध्ययन

108 वां कृषि अनुसंधान सेवा बुनियादी पाठ्यक्रम के कृषि वैज्ञानिकों ने मॉनिट¨रग फैकल्टी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आलोक कुमार के नेतृत्व में मंझवलिया में 21 दिनों तक अध्ययन किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 10:59 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 10:59 PM (IST)
कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने 21 दिन तक किया कृषि समस्याओं का अध्ययन
कृषि वैज्ञानिकों की टीम ने 21 दिन तक किया कृषि समस्याओं का अध्ययन

संसू जलालपुर: 108 वां कृषि अनुसंधान सेवा बुनियादी पाठ्यक्रम के कृषि वैज्ञानिकों ने मॉनिट¨रग फैकल्टी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आलोक कुमार के नेतृत्व में मंझवलिया में 21 दिनों तक अध्ययन किया। उसकी विस्तृत रिपोर्ट राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान केन्द्र मांझी के साथ ही डीएम एवं डीएओ को भेजा जाएगा। डॉ आलोक कुमार ने बताया कि इस गांव में किसी भी किसान के पास मृदा स्वास्थ्य कार्ड नहीं है। यह कार्य राज्य सरकारों के जिम्मे है। सरकार के पास दो ही विकल्प है पहला यह कि सरकार मृदा टेस्ट अपने लैब में करवाए अन्यथा सरकार द्वारा अनुशंसित लैब में कराए।

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी में इन कृषि वैज्ञानिकों का प्रशिक्षण चल रहा है। इसी के तहत क्षेत्रीय अनुभव परीक्षण को ले ग्राम मंझवलिया में पिछले 21 दिनों के अध्ययन का रिपोर्ट तैयार किया गया है। इस अवसर पर हैदराबाद से आए वैज्ञानिकों में डा सतीश कुमार, डा जया, डा राकेश कुमार, बी गौरव कुमार देशवाल, आदर्श कुमार और श्रुति के अलावा मांझी विज्ञान केन्द्र के तकनीकी अभिकर्ता राजेश कुमार ¨सह सहित कमलेश ¨सह, रामपुकर ¨सह, संतोष ¨सह एवं नथुनी मांझी सहित बहुत से किसान मौजूद थे।


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