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सात सौ मीटर के दायरे में जगह-जगह बीएसटी बांध में हो रहा कटाव

सारण। जेपी के गांव के बीएसटी बांध से सट कर बह रही घाघरा की हरकत से अब बाढ़ खंड

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Sep 2017 03:03 AM (IST)Updated: Fri, 08 Sep 2017 03:03 AM (IST)
सात सौ मीटर के दायरे में जगह-जगह बीएसटी बांध में हो रहा कटाव
सात सौ मीटर के दायरे में जगह-जगह बीएसटी बांध में हो रहा कटाव

सारण। जेपी के गांव के बीएसटी बांध से सट कर बह रही घाघरा की हरकत से अब बाढ़ खंड के अधिकारी और ठेकेदार भी आजिज हो चले हैं। गुरुवार को सठिया ढाला से कुछ दूरी पर बीएसटी बांध से सटे बांध के निचली सतह पर लगभग 20 मीटर में दलदल हो गया है। वहां लोहे के तार की जाली में भी बोल्डर डालने पर नहीं टिक पा रहा है। उक्त स्थान पर डाले जा रहे बोल्डर चार-पांच घंटे भी नहीं टिक पा रहे हैं। ऐसे में ठेकेदार व कार्य में लगे कर्मी क्या करें, क्या नहीं करें यह भी उन्हें समझ में नहीं आ रहा है। अब घाघरा यहां लगभग 700 मीटर का खतरनाक दायरा तय कर बांध पर स्थान बदल-बदल कर अटैक कर रही है। जिसके कारण कटाव हो रहा है।

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तकनीकी एक्सपर्ट ही अब कर सकते हैं कुछ अलग

बीएसटी बांध से सट चुकी घाघरा को काबू में करने के लिए अब यूपी के तकनीकी एक्सपर्ट ही कुछ कर सकते हैं। वजह कि अभी के हालात हर किसी के समझ से परे हैं। यहां अब पुराने तरीके से कोई भी विभागीय प्रयास सफल नही हो पा रहा है। घाघरा कभी नरम तो कभी सब कुछ मिटाने पर आमद हो जा रही है। ठेकेदार और बाढ़ खंड के अधिकारी लगातार सैकड़ों मजदूरों के साथ स्थिति को संभालने में लगे हैं, ¨कतु हालात भयावह ही दिख रहे हैं। जानकार लोगों का कहना है कि यहां जीईओ बैग को भी यदि सीढ़ीनुमा तरीके से कटान के अरार में बिहार सीमा की तरह बिछा दिया जाए तो काफी हद तक बांध सुरक्षित हो सकता है।

ठेकेदारों की भी परेशानी नहीं हुई है कम

बीएसटी बांध को बचाने के कार्य में लगे ठेकेदारों की परेशानी भी यहां कुछ कम नहीं है। यहां कार्य में लगे ठेकेदार दुर्गा ¨सह, नंदजी ¨सह सहित आधा दर्जन ठेकेदारों ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि विभाग के इशारे पर हम दिन-रात दौड़ लगाते रहते हैं। रुपये भी फाई¨टग का कार्य खत्म होने के बाद ही आवंटित होता है। बाढ़ खंड के अधिकारियों की निगरानी में ही, उनके निर्देशों के अनुसार यहां सभी कार्य होते हैं। अभी के समय में मजदूरों से लेकर, तमाम तरह के फाई¨टग के खर्च को खुद से ही वहन करना होता है। एक सिपाही की तरह कटान स्थल पर दिन-रात तैनात रहना पड़ता है।

बोले अधिकारी:

एक इंसान की तरह यहां छका रही घाघरा

सिताबदियारा में यूपी के बीएसटी बांध से सठिया ढाला के पास सटी घाघरा एक इंसान की तरह सबको छका रही है। ऐसा नहीं कि हमारी तैयारियों या प्रयास में कोई कमी है। इसके बावजूद घाघरा का रूप समझ से परे हो जा रहा है। यही घाघरा कभी ऐसे रूप में नजर आ रही है, मानों सब कुछ शांत हो गया। वहीं किसी दिन उसी घाघरा का रूप ऐसा भी हो जा रहा है, मानों वह यहां कुछ भी नहीं रहने देगी। वैसे हालात से लड़ने में हमारी ओर से कोई कमी नहीं है।

आरडी यादव, सहायक अभियंता,बाढ़ खंड, बलिया


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