जागरूकता के कारण स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ा शहर
सारण। छपरा नगर निगम क्षेत्र में सफाई की अच्छी नहीं है। यही कारण है कि स्वच्छता रैंकिंग में शहर पिछड़ गया है। नगर निगम के अधिकारियों से लेकर स्थानीय लोग सफाई के प्रति गंभीर नहीं है। शहर के मुख्य सड़क मौना चौक से गांधी चौक के बीच यह स्थिति है।
सारण। छपरा नगर निगम क्षेत्र में सफाई की अच्छी नहीं है। यही कारण है कि स्वच्छता रैंकिंग में शहर पिछड़ गया है। नगर निगम के अधिकारियों से लेकर स्थानीय लोग सफाई के प्रति गंभीर नहीं है। शहर के मुख्य सड़क मौना चौक से गांधी चौक के बीच यह स्थिति है। यहां से प्रतिदिन प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियां गुजरती हैं। सड़के के बायीं तरफ सड़क के किनारे कचरा फैला हुआ है। यहां का नाला भी पूरी तरह से जमा रहता है। इसके कारण सड़क पर गंदा पानी बहता है। हल्की बारिश में यहां की स्थिति नारकीय हो जाती है।
यहां सफाई एजेंसी को कचरा उठाने की जिम्मेवारी मिली है। उसे सुबह -शाम मुख्य सड़कों के अगल-बगल से कचरा अनिवार्य रूप से उठाना है, लेकिन सफाई एजेंसी को इससे कोई मतलब नहीं है। नगर निगम के सफाई इंस्पेक्टर से सिटी मैनेजर तक कभी यह नहीं देखते हैं कि सफाई एजेंसी अपना कार्य सही तरीके से कर रहा है कि नहीं। इसके लिए एजेंसी को लगभग 38 लाख रुपये दिया जाता है। इसके बाद भी मुख्य सड़कों से कचरा नहीं उठता है। नगर निगम प्रशासन भी मुख्य सड़कों पर कचरा उठाकर सफाई नहीं कराता हैं। कूड़े पर फेंकी गई है कचरापेटी :
सड़कों पर कचरा नहीं उठाया जाता है। सड़कों पर पसरा कचरा व प्लास्टिक की थैलियां फेंकने से लोगों को परेशानी होती है। इतना ही नहीं इसी कचरे पर नगर निगम के स्वच्छ छपरा स्वस्थ छपरा लिखा हुई कचरा पेटियों को भी फेंका गया है, जो नगर निगम के स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है।