Chhapara Pollution: अब छपरा की हवा भी नहीं रही साफ, बढ़ा सांसों पर खतरा ; AQI आंकड़े देते हैं गवाही
छपरा शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, जिससे हवा जहरीली हो रही है। 12 नवंबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 133 दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। खुले में कचरा जलाना, वाहनों का धुआं और निर्माण कार्य इसके मुख्य कारण हैं। चिकित्सकों ने बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के रोगियों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक है।
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छपरा में बढ़ा वायु प्रदूषण। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, छपरा। छपरा शहर की आबोहवा इन दिनों धीरे-धीरे जहरीली होती जा रही है। मौसम में ठंड बढ़ने के साथ हवा में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 12 नवंबर को छपरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 133 दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से खतरनाक श्रेणी में आता है।
एक नवंबर को जहां एक्यूआई 31 था, वहीं अब यह चार गुना से अधिक बढ़ चुका है। बिना किसी बड़े उद्योग के बावजूद हवा का यह स्तर चिंताजनक है। विशेषज्ञों का कहना है कि खुले में कचरा जलाना, वाहनों का उत्सर्जन, निर्माण कार्यों से उड़ती धूल, और त्योहारों में पटाखों से निकला धुआं छपरा की हवा को जहरीला बना रहे हैं।
सुबह के समय हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित
शहर के दर्शन नगर, भगवान बाजार, और गुदरी रोड इलाकों में सुबह-सुबह प्रदूषण का स्तर अधिक पाया गया। चिकित्सकों के अनुसार इस समय बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।
वहीं शहर के अस्पतालों में खांसी, गले में जलन, सिरदर्द, त्वचा संबंधी एलर्जी, और आंखों में जलन के मरीजों की संख्या बढ़ी है। छपरा सदर अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि ठंड में हवा नीचे बैठ जाती है, जिससे धूल और धुआं जमीन के पास जमा रहता है। यही वजह है कि सुबह के समय प्रदूषण का असर ज्यादा महसूस होता है।
क्यों बढ़ रही है हवा में ज़हर की मात्रा
हवा को प्रदूषित करने में रासायनिक कचरा, घरेलू दहन उपकरण, वाहन धुआं, पटाखे, और खुले में कूड़ा जलाना प्रमुख कारण हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि वायु प्रदूषण के प्रमुख तत्वों में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5), कार्बन मोनोआक्साइड, ओजोन, नाइट्रोजन डाइआक्साइड, और सल्फर डाइआक्साइड शामिल हैं,जो लंबे समय तक संपर्क में रहने पर फेफड़ों और हृदय रोगों का कारण बन सकते हैं।
क्या है बेहतर हवा का मानक स्तर
वायु गुणवत्ता सूचकांक (ए क्यूआई) के अनुसार-0 से 50 अच्छा, 51 से 100 संतोषजनक, 101 से 200 खराब, 201 से 300 बहुत खराब व 301 से 400 गंभीर। छपरा का मौजूदा 133 का एक्यूआई बताता है कि हवा अब खराब श्रेणी में है। यह स्तर बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी रोगियों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है।
विशेषज्ञों की सलाह
चिकित्सक सलाह दे रहे हैं कि सुबह के समय टहलने से बचें, घरों में पौधे लगाएं, मास्क का प्रयोग करें और गर्म पानी पीते रहें। यदि जल्द ही प्रदूषण पर नियंत्रण के ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो छपरा की हालत भी दिल्ली और पटना जैसे महानगरों की तरह गंभीर हो सकती है।
छपरा की हवा में बढ़ते ज़हर को हल्के में लेना घातक साबित हो सकता है। यह समय है जब प्रशासन और नागरिक दोनों मिलकर प्रदूषण के खिलाफ मुहिम चलाएं, नहीं तो आने वाले दिनों में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा।
छपरा का एक्यूआई रिकार्ड (1 से 12 नवंबर 25 तक)
दिनांक- AQI
01 नवंबर-31
02 नवंबर-26
03 नवंबर-38
04 नवंबर-42
05 नवंबर-40
06 नवंबर-25
07 नवंबर-21
08 नवंबर-43
09 नवंबर-126
10 नवंबर-118
11 नवंबर-122
12 नवंबर-133
क्या है बेहतर हवा का मानक स्तर
| वायु गुणवत्ता श्रेणी | AQI रेंज |
|---|---|
| अच्छा | 0–50 |
| संतोषजनक | 51–100 |
| मध्यम प्रदूषित | 101–200 |
| खराब | 201–300 |
| बहुत खराब | 301–400 |
| गंभीर | 401–450 |

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